हेमंत के कौन से मंत्री ने अब सार्वजनिक जीवन से दूरी बना ली, जानिए कौन है वो ?

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TFP/DESK : क्या इरफान अंसारी सार्वजनिक जिंदगी से दूर हो जायेंगे. क्या इरफान अंसारी अब कभी यूं खुलेआम घूमते, लोगों से मुलाकात करते या रैलियां और सभायें करते नजर नहीं आयेंगे. क्या अब इरफान अंसारी मंत्री रहते भी एकाकी जीवन जिएंगे. क्या इरफान अंसारी ने फैसला कर लिया है कि वह न तो कोई इंटरव्यू देंगे और ना ही प्रेस वार्ता करेंगे.

क्या इरफान अंसारी वाकई अपने कार्यक्रमों की मीडिया कवरेज की इजाजत नहीं देंगे. क्या वाकई इरफान अंसारी मीडिया से एकदम नाराज हैं. यदि हां तो उसकी वजह क्या है. अक्सर मीडियाकर्मियों के साथ हंसी-ठिठोली करने वाले इरफान अंसारी अचानक मीडिया से दूर जाने की बातें क्यों करने लगे हैं.

इरफान अंसारी का अब कोई इंटरव्यू नहीं आयेगा. क्या वह अपनी योजनाओं की जानकारी देने के लिए प्रेस वार्ता भी नहीं करेंगे. आखिर, इरफान अंसारी के साथ ऐसा क्या हुआ कि वे कुछ नाखुश और उदास से नजर आ रहे हैं.

मैंने फैसला कर लिया है !

इरफान अंसारी ने अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर अपनी एक तस्वीर के साथ एक संदेश शेयर किया है. लिखा है “चेहरा देखकर बात करने वालों से सचेत रहना चाहिए. ऐसे लोगों को समय रहते ही पहचान लेना चाहिए और एक निश्चित तोर पर दूरी बनाकर रहना चाहिए.मैं अब मीडिया से दूर रहने का फैसला कर लिया हूं. अब मुझे संभाल कर चलना मेरी जबावदेही है”

इरफान अंसारी ने संदेश में क्या लिखा 

सीएम हेमंत के मंत्री ने आगे लिखा है कि “मेरा संदेश आप सबो के नाम. मनुष्य को ऐसे लोगों से हमेशा संभलकर रहना चाहिए जो आपके मुंह पर तो मीठी बातें करते हैं, लेकिन पीठ पीछे हमेशा आपके खिलाफ साजिश करते रहते हैं.

https://x.com/IrfanAnsariMLA/status/1871581919797735920

ऐसे लोग उस जहर के घड़े के समान है, जिसकी उपरी सतह दूध से भरी है. इस तरह के लोग मौका देखते ही आपको नुकसान पहुंचाते हैं. साथ ही आपकी योजनाओं को असफल करने के प्रयास में जुटे रहते हैं.अच्छी छवि साजिश के तहत की हानि पंहुचाते हैं.

इसलिए चेहरा देखकर बात करने वालों से सचेत रहना चाहिए. ऐसे लोग अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं.
इनका विश्वास नहीं करना चाहिए. इस स्वभाव के व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए आपको हानि पहुंचाते है .

ऐसे लोगों को समय रहते ही पहचान लेना चाहिए और एक निश्चित तोर पर दूरी बनाकर रहना चाहिए. मेरे काम से मेरे अपने साथी ही बोखला जाते हैं और मुझे जानबूझकर मीडिया मेरे आवास मे वेज कर के मेरी छवि को खराब करते करते हैं. कभी-कभी मीडिया की बेबसी मुझे अच्छी नहीं जाती. और और मैं बयान दे देता हूं. कुछ लोग अपना टीआरपी बढ़ाते हैं तो कुछ लोग मुझे नीचा दिखाते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

“हेमंत, राहुल और गुलाम अहमद से कोई नहीं अलग कर सकता” 

आगे लिखा लेकिन अब मैं मीडिया से दूर रहने का फैसला कर लिया हूं. मुझे मेरे राहुल गांधी जी और हेमंत सोरेन जी झारखंड के प्रभारी गुलाम अहमद मीर साहब से कोई अलग नहीं कर सकता. जिस पद पर इन्होंने मुझे बिठाया है हर कदम पर कांटे ही कांटे हैं.संभाल कर चलना मेरी जवाबदेही है और संभाल कर रखना आपकी.

इरफान अंसारी का वीडियो हुआ था वायरल

दरअसल, कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें मंत्री जी और उनके समर्थक एक साथ बैठे हुए थे . इसी दौरान मंत्री इरफान अंसारी के समर्थक कहते हुए नजर आए थे कि ग्रामीण विकास मंत्रालय हम लोगों को चाहिए. 10 ठो भूमिहार का वोट नहीं है उसको दे दिया है ग्रामीण विकास. क्या मतलब है इसका. तब एक दूसरा कार्यकर्ता पीछे से कह रहा था कि पुतला जलाएंगे.

हेमंत का भी जलाएंगे. मुख्यमंत्री का पुतला जलाएंगे. तभी मंत्री इरफान अंसारी अपनी कुर्सी से उठकर कार्यकर्ताओं व समर्थकों से कहते हुए नजर आ रहे थे कि ये प्रॉब्लम यहां बोलिएगा या वहां बोलिएगा. यहां कहां बोलते है. वहां बोलिये जहां बोलना है.

मंत्री जी का ये वीडियो वायरल हो गया. इस वीडियो के सामने आने के बाद मंत्री जी पर सवाल भी खड़े होने लगे कि क्या मंत्री अपने विभाग से खुश नहीं है. लेकिन जब इस मसले पर उनसे पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मैने ऐसा कुछ कहा ही नहीं था. मेरे वीडियो को गलत तरीके से क्रॉप करके चलाया जा रहा है.

हमेशा सुर्खियों में रहते हैं

इरफान अंसारी हमेशा से अपने बयानों के वजह से चर्चा में रहते हैं. और एक बार फिर अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए लिखे गए संदेश के वजह से सुर्खियों में आ गए हैं.

गौरतलब है कि पिछले हेमंत कार्यकाल में भी इरफान अंसारी को मंत्री बनने की प्रबल इच्छा थी. कई बार उन्होंने न केवल मंत्री बनने की इच्छा खुलेआम जाहिर की बल्कि कहा भी कि मैं स्वास्थ्य मंत्री अच्छे से संभालता. इसके लिए वह अपने डॉक्टर होने का हवाला देते.

3 महीने के लिए बने थे ग्रामीण मंत्री

इस बार उनकी इच्छा पूरी भी हो गयी. उनको स्वास्थ्य मंत्रालय मिला. हालांकि, पिछले कार्यकाल में 3 महीने के लिए उनको ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया था क्योंकि तात्कालीन विभागीय मंत्री आलमगीर आलम के कथित टेंडर कमीशन घोटाला मामले में जेल जाने से यह पद खाली था.

अब कार्यकर्ताओं ने क्या कहा. किस संदर्भ में कहा. मंत्री इरफान अंसारी की उसमें कितनी सहमति थी यह तो एक क्लिप से पता नहीं चलेगा लेकिन वीडियो सामने आया तो कयास भी लगेंगे. अब देखना यही है कि इरफान अंसारी आखिरकार किन मीडियाकर्मियों से नाराज हैं. वह अपने पोस्ट में बिना नाम लिए किसपर निशाना साध रहे हैं.

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