Ranchi : झारखंड में विधानसभा चुनाव का शोर सुनाई देना शुरू हो गया है, और बहुत संभावना है कि इस बार झारखंड विधानसभा का चुनाव समय से पहले हो जाए. इसके अलावे इस बार विधानसभा का चुनाव दो या तीन चरणों में हो सकते है.
भारत निर्वाचन आयोग और राज्य के मंत्रिमंडल निर्वाचन विभाग की तैयारियों से यह तय माना जा रहा है.
बता दें कि विधानसभा चुनाव का जायजा लेने बुधवार को भारत निर्वाचन आयोग 6 सदस्यीय टीम के साथ दो दिवसीय दौरे पर झारखंड पहुंची थी.
जिसमें वरीय उप निर्वाचन आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा, वरीय उप निर्वाचन आयुक्त नितेश कुमार व्यास, प्रधान सचिव अरविंद आनंद समेत कई लोग शामिल थे.
वहीं भारत निर्वाचन आयोग के झारखंड दौरे को लेकर राज्य की सियासत गर्म हो गई है. और समय से पहले चुनाव की संभावना को लेकर झामुमो और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरु हो गई है.
अक्टूबर महीने में हो सकते है विधानसभा चुनाव
झारखंड में विधानसभा चुनाव नवंबर या दिसंबर के बजाए अक्टूबर में ही होने के संभावना है. इसकी भी वजह है. पहला तो, चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के प्रारूप के प्रकाशन की तारीख 25 जुलाई को तय करना. इसके अलावे आयोग ने फाइनल मतदाता सूची प्रकाशित करने की तारीख 20 अगस्त को तय की है.
दूसरी वजह यह है कि हरियाणा और महाराष्ट्र में सितंबर अक्टूबर महीने में विधानसभा का चुनाव होना है. साथ ही जम्मू कश्मीर में भी 30 सितंबर से पहले चुनाव कराने की कानूनी बाध्यता है.
इन तीन राज्यों के साथ झारखंड विधानसभा कराने से समय और संसाधन की बचत होगी. वैसे झारखंड के सभी राजनीतिक दल भी इस ओर इशारा कर चुके हैं कि राज्य में समय से पहले चुनाव हो सकता है. लिहाजा, सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गये हैं.
मीडिया रिर्पोट्स की अनुसार झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने बताया कि इस बाबत चुनाव आयोग से दिशा-निर्देश आ चुके है.
क्या समय से पहले हो सकते हैं चुनाव
तो इसका जवाब है ‘हां ‘. क्योंकि रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट, 1951 के मुताबिक चुनाव आयोग के पास किसी भी राज्य में विधानसभा के गठन की अवधि पूरी होने से पहले छह महीने के भीतर चुनाव कराने का अधिकार है.
आमतौर पर पोलिंग तारीख से एक महीने पहले चुनाव आयोग नोटिफिकेशन जारी करता है. नामांकन की तारीख से मतों की गिनती होने तक 2-3 महीने का समय लगता है.
दो चरणों में होंगे झारखंड विधानसभा चुनाव
चुनाव आयोग इस बात को लेकर पूरी कोशिश में है कि विधानसभा का चुनाव बहुत लंबा न हो, और शायद इसलिए झारखंड में दो चरणों में चुनाव कराने की तैयारी आयोग कर रही है. बहुत प्रबल संभावनाएं है कि पहले चरण का चुनाव सिंतबर के अंतिम सप्ताह को हो जाए. और दूसरे चरण का चुनाव अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो सकते है.
इस तरह आयोग प्रयास में है कि विधानसभा चुनाव दुर्गा पूजा से पहले समाप्त हो जाएं. गौरतलब है कि पिछली बार साल 2019 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव पांच चरणों में हुआ था.
निर्वाचन आयोग के झारखंड दौरे पर झामुमो ने क्या कहा
राज्य में समय से पहले विधानसभा चुनाव की संभावना पर झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जबरन चुनाव थोपा गया तो कड़ा विरोध होगा.
जिस तरह चुनाव आयोग की टीम बैठकें कर रही है, उससे पदाधिकारियों में भ्रम और डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है.आगे उन्होंने कहा कि झारखंड में धार्मिक सांस्कृतिक व भौगोलिक दृष्टिकोण से छठ तक चुनाव संभव नहीं है.
झामुमो के बयान पर भाजपा ने किया पलटवार
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रमाकांत महतो ने झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि झामुमो आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भयभीत है. यही कारण है कि सत्ता मद में चूर झामुमो देश की संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग को फरमान सुना रहा है.
हेमंत सोरेन जमानत पर जेल से बाहर आते ही दंभ भर रहे थे कि राज्य में जब भी चुनाव हो जाए, हम डरने वाले नही हैं, जबकि अब झामुमो को चुनाव की घोषणा के पहले ही डर सताने लगा है.