झारखंड में शिक्षक बहाली पर मंत्री रामदास सोरेन ने क्या बोल दिया ?

|

Share:


झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार बच्चों के शिक्षा पर लगातार जोर दे रही है. सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए हेमंत सोरेन ने अपने पिछले कार्यकाल में सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत की. अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इन स्कूलों में बच्चों के सर्वांगीण विकास नि शुल्क किया जाता है. सरकारी आंकड़ों की मानें तो अब तक झारखंड में 80 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खुल चुके हैं और अब झारखंड सरकार इन स्कूलों की संख्या दुगुनी करने की तैयारी में है. हेमंत सोरेन के नए कैबिनेट गठन के बाद रामदास सोरेन को राज्य का शिक्षा मंत्री बनाया गया है. शिक्षा मंत्री बनाए जाने के बाद रामदास सोरेन लगातार राज्य के विद्यार्थियों के बेहतर के बारे में सोच रहे हैं. इसी बीच मंत्री रामदास सोरेन ने झारखँड में सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और शिक्षक बहाली पर बड़ी बात कह दी है.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि झारखंड में सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता को उभारा जा रहा है, इसलिए हमने सबसे पहले सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की संख्या दोगुनी करने का निर्णय है. इसके लिए विभाग स्तर पर स्कूलों का चिह्नितीकरण किया जा रहा है. बुनियादी सुविधाएं जहां सबसे बेहतर होंगी, वहां के स्कूल को एक्सीलेंस में परिणत किया जाएगा। इसके बाद एक्सीलेंस स्कूल के लिए नई आधारभूत संरचना भी विकसित की जाएगी। इस दौरान जानकारी देते हुए झारखंड के शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 26 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी.

सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में सुविधाओं की बीत करें तो ये स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त है. सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुरूप इन विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर योग्य शिक्षकों के चयन तक में खास ध्यान रखा गया है. इन स्कूलों में लैंग्वेज लैब, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब, मैथ्स लैब और पुस्तकालय के साथ-साथ स्मार्ट क्लास का निर्माण हुआ है. इसके अलावा विद्यालयों में खेलकूद के लिए थ्रो बॉल, खो-खो, कबड्डी, वॉलीबॉल और बास्केटबॉल कोर्ट का निर्माण किया गया है. साथ ही स्मार्ट स्टाफ रूम, रिकॉर्ड रूम,परीक्षा हॉल, स्टाफ कॉमन रूम, प्राचार्य कक्ष बनाए गए हैं.

इन स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय, मेडिकल रूम, एनसीसी और स्काउट गाइड का भी निर्माण हुआ है. स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित इन 80 स्कूलों में कक्षा एक से कक्षा 12 तक की पढ़ाई होती है. यहां नामांकन चयन परीक्षा के आधार पर होगा. इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी बोलने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है.

मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि इ स्कूलों के संबंध में विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी हो चुकी है और उन्हें कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं.
सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की संख्य दुगुनी करने के अलावा झारखंड के 5000 स्कूलों को सीबीएसई पैटर्न के आधार पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए अगले पांच साल का लक्ष्य रखा गया है.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सीएम एक्सीलेंस स्कूल और सीबीएसई में परिणत होनेवाले स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें चलेंगी। इसमें जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के साथ झारखंड से संबंधित विषय को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। विभागीय स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है, जो पश्चिम बंगाल जाकर वहां के सिलेबस का अध्ययन करेगी। यह कमेटी अगले 15 दिन में रिपोर्ट करेगी, इसके आधार पर झारखंड के लिए भी सिलेबस तैयार कराया जाएगा। इस संबंध सीबीएसई से भी सहमति ली गई है.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के 26000 सहायक शिक्षकों की समस्याओं से वे अवगत हैं। स्कूलों में कई अतिरिक्त कार्यों का दवाब उन पर है। इसे पूर्व की सरकारों ने ठीक नहीं किया। स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति होने से समस्या का निदान होगा। 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। वहां से इसका रास्ता साफ होने के बाद और भी 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी।

Tags:

Latest Updates