Ranchi : झारखंड में पहली बार ऐसा हुआ है जब पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का आदेश जारी किया गया है, वहीं इसे लेकर अब सियासत छिड़ गई है.
बता दें कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग यानि जेएसएससी की सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता सीजीएल परीक्षा 21 और 22 सितंबर को राज्य के 823 केंद्रों पर आयोजित की गई है, इस परीक्षा में करीब 5.40 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे.
वहीं परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए हेमंत सरकार ने इंटरनेट सेवाओं को 5 घंटे के लिए बंद कर दिया था. आज सुबह सुबह आठ से दोपहर डेढ़ बजे तक मोबाइल इंटरनेट और मोबाइल वाईफाई बंद कर दिया गया था, जो कि कल यानि 22 सितंबर को भी इस समय पर इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया जाएगा.
इसे लेकर शुक्रवार रात को गृह विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया था. हालांकि फिक्स्ड फोन और ब्रॉडबैंड सेवा जारी रहेगी. झारखंड में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी परीक्षा के पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का फैसला लिया गया है.
वहीं इसे लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मंराडी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर लिखा है कि हेमंत सरकार द्वारा झारखंड में दो दिनों सुबह से दोपहर इंटरनेट बंद किए जाने का निर्णय अव्यवहारिक और हास्यास्पद है. हेमंत जी, JSSC CGL परीक्षा की परीक्षा देने के लिए कई राज्यों के अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं.
इंटरनेट बंद कर देने के फैसले दूसरे राज्यों से आए अभ्यर्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. इंटरनेट हमारी दैनिक दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन चुका है. बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर बैंकिंग कार्यों तक, सरकारी दफ्तरों से लेकर गांवों के प्रज्ञा केंद्रों तक…स्कूल, कचहरी, अस्पताल, मकान, दुकान… सड़क यातायात, रेल सेवा, हवाई सेवा, इंटरनेट हर जगह की जरूरत बन चुका है.
आपके द्वारा इंटरनेट बंद किए जाने के निर्णय से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.लोगों के काम-धंधे प्रभावित हो रहे हैं, राज्य की अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है… हेमंत जी, सिर्फ इंटरनेट पर ही पाबंदी क्यों लगा रहे हैं? लोगों के घरों से बाहर निकलने पर ही पाबंदी लगा दीजिए। बाजार बंद करा दीजिए। कर्फ्यू की घोषणा कर दीजिए…
अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए बिना पूर्व सूचना के अचानक से देर रात इंटरनेट बंद करने का मूर्खतापूर्ण फैसला वापस लीजिए. जनता समझ चुकी है कि आपके पास कदाचारमुक्त परीक्षा कराए जाने की क्षमता ही नहीं है.
इतने में बाबूलाल नहीं थमे आगे उन्होंने हेमंत सोरेन के सलाहकार को लेकर उनपर तंज कसते हुए कहा कि याद रखिए, जिन सलाहकारों की वजह से आप 5 माह के होटवार प्रवास से वापस आए हैं, वही सलाहकार आपको जगहंसाई का पात्र बनाने और आपसे एक के बाद तुग़लकी फ़ैसले करवा कर आपको रसातल में पंहुचाने पर तुले हुए हैं.
आपसे अनुरोध है कि JSSC CGL परीक्षा का पेपर लीक रोकने के नाम पर इंटरनेट बंदी के बेतुके और असंवैधानिक तुगलकी फरमान को अविलंब वापस लीजिए.
वहीं झामुमो ने बाबूलाल मरांडी के ट्वीट पर पलटवार किया है, झामुमो ने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट किया है.जिसमें लिखा है युवा विरोधी भाजपा एक्सपोज. आगे इस ट्वीट में लिखा है कि असम में भाजपा सरकार ने भी यही किया था,झारखंडी और युवा विरोधी भाजपाई इतनी दोगलाई कहां से लाते हैं, क्या चिढ़ है इन्हें झारखंडी युवाओं से. भाजपा पर धिक्कार है.
बता दें कि इस पोस्ट में झामुमो ने उस बात का जिक्र किया है. जब असम सरकार ने परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए नेटसेवा बंद कर दी थी.
बहरहाल, आपको बता दें कि जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा जनवरी में भी हुई थी, लेकिन पेपर लीक हो जाने के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. इसी को देखते हुए हेमंत सरकार ने यह फैसला लिया है. हालांकि इंटरनेट सेवा बंद होने जाने से जन जीवन पांच घंटे के लिए अस्त व्यस्त रहा.