रांची के हिंदपीढ़ी की दो लड़कियों को शादी की नीयत से भगाने के आरोपी 4 लड़कों को सिविल कोर्ट से जमानत मिल गई.
प्रधान न्यायायुक्त की अदालत ने 20-20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर कर्नाटक से पकड़े गए इस्माइल, जुनैद,काशिद और इमरान को जमानत दी. गौरतलब है कि रांची की 2 सगी बहनें अपने प्रेमियों के साथ भागकर कर्नाटक पहुंच गई थीं और घरवालों के सामने अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ दी थी.
रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सिटी एसपी की अगुवाई में गठित एक विशेष जांच दल ने मामले में कार्रवाई करते हुए दोनों बहनों को कर्नाटक से बरामद किया था.
4 लड़कों को भी गिरफ्तार किया था.
पूछताछ के दौरान लड़कों ने बताया था कि एआई की मदद से आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर लड़कियों के पिता का नाम बदला गया था ताकि कर्नाटक में किराए का घर लिया जा सके.
शादी की नीयत से सगी बहनों को भगा ले गए
गौरतलब है कि रांची के हिंदपीढ़ी की रहने वाली 2 सगी बहनें अमरीना और रहनुमा खुद घर से भाग गई थीं.
दोनों आधार कार्ड अपडेट कराने के बहाने पहले कांटाटोली चौक पहुंची जहां से उनके दोस्त मजहर ने उन्हें रामगढ़ पहुंचाया. रामगढ़ रेलवे स्टेशन पर मौजूद जुनैद और इस्माइन दोनों लड़कियों को लेकर कर्नाटक चले गए.
रास्ते में बहनों ने पिता को फोन कर अपनी किडनैपिंग की झूठी कहानी सुना दी.
अपना मोबाइल फोन भी तोड़ दिया ताकि लोकेशन ट्रेस न किया जा सके. इस केस में खूब हो-हल्ला मचा. पुलिस पर भी काफी दबाव था. मंत्री इरफान अंसारी परिजनों से मिलने हिंदपीढ़ी पहुंचे थे.
कानून व्यवस्था को लेकर हेमंत सोरेन सरकार घिर गई थी. हालांकि, जांच में अपहरण की पूरी कहानी ही झूठी निकली.
लड़कियों ने रची थी किडनैपिंग की झूठी कहानी
पुलिस को दिए इकबालिया बयान में लड़कियों ने बताया कि करीब 5 साल पहले उनकी दोस्त फेसबुक पर जुनैद और इस्माइल से हुई थी. दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई और लड़के-लड़कियां लगातार मुलाकात करते रहे.
इस्माइल और जुनैद कई बार रांची आए. लड़कों ने सगी बहनों के घरवालों के सामने शादी का प्रस्ताव भी रखा था जिसे ठुकरा दिया गया. ऐसे में दोनों ने भागकर शादी करने का प्लान बनाया.
इस मामले में हिंदपीढ़ी थाने में कांड संख्या 2/2025 दर्ज किया गया था. पुलिस ने त्वरित एक्शन लेते हुए लड़कियों को सुरक्षित बरामद कर लिया.