चमरा लिंडा

आदिवासियों ने घेरा मंत्री चमरा लिंडा का आवास, सिरमटोली फ्लाईओवर से जुड़ा है मामला; जानें पूरी बात

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मेकॉन-सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप को लेकर उठा विवाद थमता नहीं दिख रहा.

शनिवार को आदिवासी समाज के लोगों ने इस मुद्दे पर समाज कल्याण मंत्री चमरा लिंडा के आवास का घेराव किया. आदिवासी समाज का कहना था कि वे मेकॉन-सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप विवाद पर मंत्री चमरा लिंडा की चुप्पी से नाराज हैं.

विरोध प्रदर्शन में महिलायें बड़ी संख्या में शामिल हुईं.

महिलाओं ने कहा कि चुनाव के समय आदिवासी हितों के लिए सबसे आगे खड़े रहने का वादा करने वाले चमरा लिंडा फ्लाईओवर के रैंप की वजह से सरना स्थल को हो रहे नुकसान पर चुप हैं.

गौरतलब है कि चमरा लिंडा के आवास का घेराव होने की आशंका पर पहले ही पुलिस प्रशासन ने वहां मजबूत बैरिकेडिंग कर दी थी. चमरा लिंडा के आवास के बाहर छावनी जैसा नजारा था. भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी. हालांकि, बड़ी संख्या में पहुंचे आदिवासी समाज के लोगों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी.

इस घटनाक्रम में आदिवासियों और पुलिस प्रशासन के बीच धक्का-मुक्की की भी स्थिति बन गई.

उनकी मांग थी कि उनको मंत्री चमरा लिंडा से मिलने दिया जाए ताकि वे अपनी परेशानी कह सकें.

उनका आरोप था कि चमरा लिंडा ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है. हालांकि, 23 जनवरी को चमरा लिंडा ने फ्लाईओवर रैंप को लेकर उठे विवाद पर कहा था कि आधारभूत निर्माण कार्य में जिस तरह से अन्य धार्मिक स्थलों का सम्मान किया जाता है, उसी प्रकार सरना पूजा स्थलों का सम्मान और सुरक्षा भी सुनिश्चित करना चाहिए.

सिरमटोली फ्लाईओवर के रैंप पर हुआ पूरा विवाद
गौरतलब है कि मेकॉन-सिरमटोली फ्लाईओवर का रैंप सिरमटोली सरनास्थल के सामने बना है.

आदिवासी समाज का आरोप है कि इससे सरना स्थल क मुख्य द्वार का हिस्सा काफी संकरा हो गया है. यहां न केवल श्रद्धालुओं के जुटने पर दिक्कत होगी बल्कि धार्मिक जुलूस, रैली या समारोह करने में भी परेशानी आएगी.

जिला प्रशासन ने रैंप को सरना स्थल के मुख्य द्वार के सामने से हटाने पर हामी भर दी है लेकिन, आदिवासी संगठनों का आरोप है कि इसे सरना स्थल के सामने से पूरी तरह हटा लिया जाए.

सरहुल के मौके पर जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन और मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की के साथ वहां पहुंचे तो आदिवासी संगठन के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.

उन्होंने सीएम के काफिले को बाधित करने का भी प्रयास किया था.

सरहुल के मौके पर भिड़ गया था आदिवासियों का दो खेमा
सरहुल के मौके पर सिरमटोली सरना स्थल के सामने रैंप हटाने को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच आदिवासियों के दो खेमों में विवाद की स्थिति बन गयी थी.

आदिवासी नेता अजय तिर्की ने प्रदर्शनकारियों को भाजपा का एजेंट बता दिया था. उनका मानना था कि जानबूझकर सरहुल महोत्सव के रंग में भंग डालने की साजिश की जा रही है. वहीं, प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों ने अजय तिर्की पर हमला कराने और अपशब्द बोलने का आरोप लगाया था. इस साल की शुरुआत से ही निर्माणाधीन सिरमटोली फ्लाईओवर को लेकर विवाद है.

जनवरी में मंत्री चमरा लिंडा ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात भी की थी. हालांकि, अब आदिवासी संगठनों का आरोप है कि मंत्री चमरा लिंडा ने सरना स्थल जैसे महत्वपूर्ण आदिवासी मुद्दे पर चुप्पी साध ली है.

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