झारखंड में से अब सोना भी निकलेगा.
राज्य के सरायकेला खरसावां जिले में सोने के तीन खदानो की नीलामी होगी. इसके लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
दरअसल, जुलाई 2025 में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से कहा था कि वह खनिज ब्लॉकों की नीलामी करे. केवल इतना ही नहीं. केंद्रीय खनन मंत्रालय ने चेतावनी दी थी कि यदि राज्य सरकार ऐसा करने में असमर्थ रहती है तो वह खुद खदानों की नीलामी करेगी. तब नीलामी के योग्य 10 खदानों की बात कही गयी थी.
इसके लिए बकायदा संसद में खान और खनिज (विकास और रेगुलेशन) संशोधन बिल-2021 भी पास किया गया था.
गौरतलब है कि सरायकेला खरसावां में हबेन, सोकंडी और रामपुर ब्लॉक की नीलामी की जायेगी. यहां स्वर्ण भंडार मौजूद है.
सोना, कॉपर और ग्रेफाइट की माइनिंग
गौरतलब है कि सरायकेला-खरसावां में तीन स्वर्ण ब्लॉक के अलावा पलामू में ग्रेफाइड का 1, गिरिडीह में कॉ़पर और बेस मेटल का 1-1 खनिज ब्लॉक शामिल है जिसकी नीलामी की जानी है.
पलामू में ग्रेफाइट खनन के लिए रेवरा खनिज ब्लॉक की नीलामी होगी वहीं गिरिडीह में कॉपर के लिए बरगंडा खनिज ब्लॉक तो वहीं बेस मेटल खनिज के लिए लुपी की नीलामी होगी.
राजस्व संग्रहण में वृद्धि का भी है लक्ष्य
झारखंड देश के क़ॉपर जरूरत का 21 फीसदी हिस्सा अकेले पूरा करता है.
सरकार का तर्क है कि नीलामी से न केवल राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी बल्कि खनिज आधारित उद्योग की स्थापना से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
गौरतलब है कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने सत्ता संभालते ही कहा था कि राजस्व में वृद्धि के लिए माइनिंग पर फोकस किया जायेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी विभागों को राजस्व उगाही में तेजी लाने का निर्देश दिया था.
राजस्व के नये स्त्रोत तलाशने को कहा था.
दरअसल, झारखंड में तय राजस्व लक्ष्य की वसूली काफी लचर है. चालू वित्तीय वर्ष में 1700 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया गया लेकिन 19 दिसंबपर तक महज 285.29 करोड़ रुपये ही राजस्व जुटा पाए थे. सीएम के निर्देश के बाद राजस्व विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में तय लक्ष्य को पूरा करने पर जोर दिया है.