PESA

झारखंड में ऐसे लागू होगा पेसा कानून, ग्राम सभा को मिलेगी ये शक्तियां

|

Share:


झारखंड में पेसा कानून को लेकर चर्चा तेज है. पंचायती राज विभाग के द्वारा इसे लागू करने की भी पहल की जा रही है. राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री तक ने पेसा पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिया है. यानी जल्द ही झारखंड में पेसा कानून लागू होने के संकेत दिखाई दे रहे हैं. लेकिन अब सबके मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर झारखंड में पेसा किस रुप में लागू होगा. कानून के तहत ग्राम सभा को कितनी शक्तियां दी जाएगी.
पंचायती राज विभाग ने इस बारे में भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.

झारखंड सरकार के पंचायती राज विभाग ने पेसा नियमावली को अंतिम रूप दे दिया है। सभी विभागों से मंतव्य प्राप्त करने के बाद नियमावली का प्रारूप प्रकाशित किया गया था। करीब 400 से अधिक सुझावों के अनुसार इसमें संशोधन किए गए हैं। पारंपरिक व्यवस्था के सदस्यों के भी सुझाव स्वीकार किए गए हैं। अब नियमावली अधिसूचित होने के अंतिम पायदान पर है.

इस बीच विभिन्न संगठनों में नियमावली को लेकर विवाद भी देखने को मिल रहा है. पंचायती राज विभाग की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि पेसा नियमावली आदिवासी रूढ़िवादी और पारंपरिक व्यवस्था के लिए संजीवनी बूटी का काम करेगी और परम्परागत रूप से अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को शक्ति प्रदान करेगा.

पेसा नियमावली में पारम्परिक ग्राम सभा को मान्यता मिलेगी। साथ ही इसके दायित्व कुछ इस प्रकार होंगे।
जैसे- पारम्परिक ग्राम सभा द्वारा सहायक सचिव का चयन, बैठक रजिस्टर का प्रबंधन, संयुक्त ग्राम सभा की बैठक और कोष का गठन होगा.

ग्राम सभा आवश्यकता अनुसार समितियों का गठन कर सकती है। ग्राम सभा का सभी दस्तावेज ग्राम सभा में ही रहेगा और ग्राम सभा का एक बैठक रजिस्टर होगा। ऐसे विषय जिसका संबंध एक से अधिक ग्राम सभा से हो, तो संयुक्त सभा की बैठक आयोजित की जा सकती है। ग्राम सभा जरूरत के अनुसार सहायक सचिव का चयन कर सकेगी। विभिन्न जनजातीय समूहों के अपने-अपने पारंपरिक बहु-स्तरीय व्यवस्था है, जहां सदस्य अपील कर सकते हैं। कोष में दान, प्रोत्साहन राशि, दंड राशि, शुल्क राशि, लघु वन उपज से प्राप्त रॉयल्टी, बाजार प्रबंधन शुल्क एवं अन्य आय से प्राप्त राशि ग्राम सभा कोष में जमा की जाएगी.

पेसा नियमावली लागू होने से ग्रामसभाओं को विकास योजना और लाभुकों को चुनने का अधिकार मिलेगा। ग्रामसभा अपने गांव में चल रही योजनाओं का औचक निरीक्षण कर सकेगी। सोशल ऑडिट के अलावा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांच कर सकेगी। लघु खनिज जैसे मिट्टी, पत्थर, बालू आदि पर ग्राम सभा का अधिकार होगा। व्यावसायिक बालू घाटों में ग्राम सभा का अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। ग्राम सभाएं वनोपज की खरीद और बिक्री के लिए न्यूनतम मूल्य तय कर सकेगी.

अधिसूचित क्षेत्र में चावल से निर्मित शराब के उत्पादन, उपभोग व भंडारण भी कर सकेगी और औषधीय पौधों, कंद-मूल समेत स्थानीय वनोपज उत्पाद पर मालिकाना हक भी ग्राम सभा के पास होगा.
विभिन्न वर्गों, समुदाय के सुझावों के बाद संशोधित पेसा नियमावली को झारखंड सरकार के पंचायती राज विभाग ने तैयार कर लिया है.

गांव में कार्यरत सभी सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों के कार्यों की देखरेख ग्राम सभा करेगी। संस्थाए अपने साल भर के कार्यों का ग्रामसभाओं से अनुमोदन प्राप्त करेगी। ग्रामसभा सरकारी कर्मियों के कार्यों की समीक्षा कर सकेगी एवं कार्यों पर निर्देश दे सकेगी। निर्देश प्राप्ति के एक माह के अंदर लिखित में ग्राम सभा को अनुपालन की स्थिति से अवगत करना होगा। ग्रामसभा कर्मियों के साथ और ऐसे संस्थानों के साथ साल में कम से कम चार बार समीक्षा बैठक करेगी। ग्रामसभा के द्वारा दिए गए निर्देशों का संबंधित सरकारी और गैर सरकारी संस्थान एवं उनके कर्मियों के द्वारा पालन किया जाना है.

संशोधनों के बाद तैयार पेसा नियमावली पर पंचायती राज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भारत के संविधान में यह प्रावधान है कि संविधान की 7 वीं अनुसूची के अनुसार राज्य सूची के विषयों पर राज्य सरकार ही कानून बना सकती है। स्थानीय सरकार राज्य सूची में है। स्थानीय सरकार अंतर्गत ही पेसा कानून एवं पंचायती स्वशासी व्यवस्था आते हैं। संविधान अंतर्गत भाग 9 में पंचायत स्वशासी व्यवस्था का प्रावधान है-जो कि एक स्थानीय सरकार है.

पेसा कानून भी संविधान के भाग 9 का विस्तार है। अतः स्थानीय सरकार के विषय पर राज्य सरकार को ही कानून बनाने का अधिकार है। इसलिए 10 राज्यों ने पहले अपने पंचायती अधिनियम बनाए, जिनके अधिनियम पेसा अधिनियम से पूर्व में आए थे। उन्होंने अपने कानून में संशोधन किया। लेकिन, राज्यों ने पेसा 1996 बनने के बाद पेसा के प्रावधानों को समाहित करते हुए अपने राज्य का कानून बनाया। साथ ही सभी 10 राज्यों ने पेसा नियमवाली अपने पंचायती राज कानून के अंतर्गत ही बनाया है। झारखंड में यही प्रक्रिया अपनायी गई है।

Tags:

Latest Updates