झारखंड के 1700 पारा शिक्षकों की नौकरी एक झटके में खत्म कर दी गई. शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने आदेश जारी कर दिया गया है. विभाग का तर्क है कि इन शिक्षकों ने इंटर की फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल की थी.
गौरतलब है कि इन 1700 शिक्षकों की नौकरी पर पहले से ही सवाल था. शिक्षा विभाग ने इन नियुक्तियों को अवैध घोषित कर दिया है. गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने शिक्षा सचिव के इस फैसले पर असहमति जताते हुए उनको पत्र लिखा है.
खिजरी से कांग्रेस पार्टी के विधायक राजेश कच्छप ने भी शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर इस फैसले को अनुचित और अमानवीय बताया है.
4,000 शिक्षकों को बर्खास्त करने की तैयारी
पिछले महीने छपी एक खबर के मुताबिक झारखंड के सरकारी स्कूलों में करीब 4,000 पारा टीचर को नौकरी से बर्खास्त करने की तैयारी की जा रही थी.
आरोप है कि इन शिक्षकों ने गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों से निर्गत डिग्रियों के जरिये नौकरी पाई है.
झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और राज्य शिक्षा परियोजनाओं की ओर से अप्रैल में एक निर्देश जारी कर सभी जिलों में पारा शिक्षकों की डिग्री की जांच करने को कहा गया था. तब विभिन्न जिलों में 1136 ऐसे पारा शिक्षकों की पहचान हुई थी जिन्होंने गैर-मान्यता प्राप्त संस्थान से डिग्री हासिल की थी.
अब ऐसे ही 1700 पारा शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त किया गया है.
झारखंड में 62,000 पारा शिक्षक कार्यरत
झारखंड में करीब 62000 पारा शिक्षक कार्यरत हैं. सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2001 से 2003 तक इनकी नियुक्ति ग्राम शिक्षा समिति की अनुशंसा पर की गई थी. तब न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक निर्धारित की गई थी और उनको प्रतिमाह 1,000 रुपये मानदेय देना तय हुआ था.
2005 में शिक्षा विभाग द्वारा जारी सर्कुलर में पारा शिक्षकों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटर निर्धारित की गयी. आरोप है कि हजारों पारा शिक्षकों ने यूपी, बिहार और झारखंड के गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों से इंटर की डिग्रियां हासिल कीं.
अब इन्हीं फर्जी प्रमाण पत्र का हवाला देते हुए विभाग ने 1700 पारा शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त किया है. गौरतलब है कि ये शिक्षक करीब 2 दशक से झारखंड के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं और अब उनको हटा दिया गया है.
इन संस्थानों से हासिल की इंटर की डिग्रियां
शिक्षा विभाग के मुताबिक जिन संस्थानों से शिक्षकों ने डिग्रियां हासिल की उनमें हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद, हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, प्रयाग महिला विद्यापीठ इलाहाबाद, भारतीय शिक्षा परिषद यूपी, राजकीय मुक्त विद्यालय शिक्षण संस्थान, नवभारत शिक्षा परिषद इंडिया, हिंदी विद्यापीठ देवघर, बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड, हिंदी साहित्य सम्मेलन बहादुरगंज शामिल है.