केरल के तिरुवनंतपुरम में 24 साल की युवती को उसके ब्वॉयफ्रेंड की हत्या का दोषी मानते हुए जिला अदालत ने मौत की सजा सुनाई है.
कोर्ट ने 24 साल की ग्रीष्मा द्वारा अपने ब्वॉयफ्रेंड की जहर देकर हत्या करने को दुर्लभतम मामला माना और उसे फांसी की सजा सुनाई. सजा सुनाते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की कि, ये रेयरेस्ट ऑफ दर रेयर केस है. लड़की ने उस व्यक्ति को धोखा दिया जो उससे प्यार करता था.
इससे समाज में अच्छा संदेश नहीं गया.
इस केस में ग्रीष्मा के चाचा निर्मलाकुमारण नायर को हत्याकांड में साथ देने और सबूत मिटाने का दोषी पाते हुये 3 साल की सजा सुनाई. इस केस में ग्रीष्मा की मां भी आरोपी बनाई गयी थी लेकिन सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया.
बचाव पक्ष ने क्या दलील दी थी
इस केस में ग्रीष्मा का पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि लड़की पढ़ी लिखी है और अपने माता-पिता की इकलौती संतान है. उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड भी नहीं है. उसे कम सजा मिलनी चाहिए.
हालांकि, कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज करते हुये 586 पन्ने के अपने फैसले में कहा कि अपराध की गंभीरता के सामने दोषी की उम्र और अन्य परिस्थियों को ध्यान में रखने की जरूरत नहीं है.
ग्रीष्मा ने साजिश के तहत वारदात को अंजाम दिया. उसने गिरफ्तारी के बाद जान देने की कोशिश भी की ताकि जांच को भटकाया जा सके.
आर्मी जवान से रिश्ता तय हुआ था
इस केस में स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर वीएस विनीत कुमार ने कहा कि ग्रीष्मा की शादी नागरकोइल करने रहने वाली एक आर्मी जवान से तय हो गयी थी. वह अपने बॉयफ्रेंड शेरोन राज से रिश्ता तोड़ना चाहती थी जबकि वह इसके लिए राजी नहीं थी. तब शादी में बाधा बन रहे बॉयफ्रेंड को मारने के लिए ग्रीष्मा ने खतरनाक प्लानिंग की.
उसने 14 अक्टूबर 2022 को शोरेन राज को कन्याकुमारी के रामवर्मनचिराई स्थित अपने घर बुलाया और आयुर्वेदिक टॉनिक में पैराक्वाट नाम का खतरनाक हर्बीसाइड मिलाकर पिला दिया.
जांच रिपोर्ट के मुताबिक 23 साल के शेरोन राज जैसे ही ग्रीष्मा के घर से बाहर निकले उनकी तबीयत बिगड़ गयी. उनको लगातार उल्टियां होने लगी.
घरवालों ने उनको अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान 11वें दिन उनकी मौत हो गयी.
वीएस विनीत कुमार ने कहा कि ग्रीष्मा ने पहले भी जूस में पैरासिटामॉल की गोलियां मिलाकर शेरोन को मारने का प्रयास किया था. हालांकि, तब जूस कड़वा लगा तो शेरोन ने इसे थूक दिया था.
कोलकाता केस से क्यों हो रही है तुलना
गौरतलब है कि इस केस में युवती को फांसी की सजा दिये जाने के बाद कोलकाता में यौन उत्पीड़न और मर्डर केस में दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा मिलने पर बहस छिड़ गयी है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि केरल में बॉयफ्रेंड की हत्या का मामला रेयरेस्ट ऑफ द रेयर है तो फिर ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर क्यों नहीं माना गया.