भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और बोरियो के विधायक रहे ताला मरांडी ने झामुमो ज्वॉइन कर लिया है.
भोगनाडीह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ताला मरांडी को पार्टी की सदस्यता दिलाई. झामुमो ज्वॉइन करने के बाद एक न्यूज वेबसाइट के साथ बातचीत में बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी से मोहभंग होने की वजहों का खुलासा किया.
ताला मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में बदलाव हो रहा है और वे भी इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहते हैं.
भारतीय जनता पार्टी के विषय में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार करते हुए ताला मरांडी ने कहा कि उन्होंने मौजूदा सियासी परिस्थितियों और बदलते राजनीतिक परिदृश्य में भाजपा छोड़कर झामुमो में जाने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि झारखंड गठन के बाद अब तक बनी सरकारों ने अपने-अपने तरीके से इसे आगे बढ़ाया है.
विकास की इस गाड़ी को मंजिल तक पहुंचाने के लिए मैं झामुमो के साथ जुड़कर काम करूंगा.
भाजपा पर टिप्पणी करने से ताला मरांडी का इनकार
ताला मरांडी ने भाजपा छोड़कर झामुमो में शामिल होने की वजहों पर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा.
उन्होंने कहा कि पहले केवल भाषणबाजी होती थी लेकिन अब काम होगा.
झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होकर मैं अपने गांव, समाज और पूरे विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए काम करूंगा. ताला मरांडी ने इस बात का भी जवाब नहीं दिया कि, क्या उनके झामुमो में जाने से संताल परगना में भारतीय जनता पार्टी और कमजोर हो गई है. ताला मरांडी ने कहा कि वह भाजपा पर कोई टिप्पणी या कटाक्ष नहीं करना चाहते.
ताला मरांडी ने संताल परगना में भाजपा को लेकर क्या कहा!
झारखंड भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रहे ताला मरांडी ने आज ही मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को इस्तीफा सौंप दिया.
ताला मरांडी ने कहा कि वह किसी दुर्भावना से नहीं बल्कि बदली हुई परिस्थितियों में व्यक्तिगत कारणों से बीजेपी से इस्तीफा दे रहे हैं.
हालांकि, यह अप्रत्याशित नहीं था. बोरियो विधानसभा क्षेत्र में लोगों को पहले से ही आशंका थी कि 11 अप्रैल को ताला मरांडी भोगनाडीह में झामुमो में शामिल हो जाएंगे. दिलचस्प है कि ताला मरांडी ने अपने सियासी करियर की शुरुआत झामुमो से ही की थी.
2005 के विधानसभा चुनाव में वह पहली बार बीजेपी के टिकट पर बोरियो विधानसभा सीट से विधायक चुने गये थे.
2009 में लोबिन हेम्ब्रम के हाथों हार के बाद उन्होंने 2014 में दोबारा इस सीट पर जीत हासिल की. 2019 में उनको भाजपा ने टिकट नहीं दिया. ऐसे में वे आजसू पार्टी में शामिल होकर विधानसभा चुनाव लड़े और तीसरे स्थान पर रहे.
हालांकि, 1 साल बाद ही उन्होंने बीजेपी में वापसी कर ली थी. 2024 में राजमहल संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव भी लड़े. वह चुनाव हार गये. इस बीच लोबिन हेम्ब्रम भाजपा में आये और पार्टी ने उनको उम्मीदवार बनाने का फैसला किया.
कहते हैं कि ताला मरांडी इस बात से नाराज थे.