संजय रॉय

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर केस में आरोपी संजय रॉय दोषी करार, मृत्युदंड मिलेगा!

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के साथ यौन उत्पीड़न और मर्डर केस में अदालत ने संजय रॉय को दोषी करार दिया है.

सियालदह कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने केस का ट्रायल शुरू होने के 57 दिन बाद फैसला सुनाया है.

9 अगस्त 2024 को ट्रेनी डॉक्टर का शव आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में अर्धनग्न हालत में मिला था. कोलकाता पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और क्राइम सीन से मिले एक हेडफोन की मदद से पश्चिम बंगाल पुलिस में बतौर सिविक वॉलेंटियर काम कर रहे संजय रॉय को गिरफ्तार किया था.

कोलकाता हाईकोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच सीबीआई कर रही है.

सीबीआई ने दोषी के लिए मांगा मृत्युदंड
सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर आरोपी संजय रॉय के लिए मौत की सजा की मांग की थी.

इस केस ने पूरे देश को निर्भया कांड की याद दिला दी थी.

देशभर में डॉक्टरों ने चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन किया था. आम लोगों में भी इस केस को लेकर गुस्सा था. इस बीच पिछले दिनों कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि ट्रेनी डॉक्टर के साथ यौन उत्पीड़न और फिर मर्डर मामले में एक से ज्यादा लोग शामिल हो सकते हैं क्योंकि ब्रेस्टल स्वाब और प्राइवेट पार्ट पर मिले साक्ष्यों में एक से ज्यादा व्यक्ति का डीएनए मिला था.

9 अगस्त 2024 को मिली थी ट्रेनी डॉक्टर की लाश
इस केस के टाइमलाइन की बात करें तो कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर की क्षत-विक्षत लाश अर्धनग्न हालत में मिली.

पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में गहरे जख्म के निशान थे. उनकी आंखों से खून निकल रहा था. जांघ सहित शऱीर के अन्य हिस्सों पर खरोंचे जाने के निशान थे.

10 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को हिरासत में लिया.

पश्चिम बंगाल सहित देश के अन्य हिस्सों में मेडिकलकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया. 12 अगस्त को प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस को केस सॉल्व करने के लिए 7 दिन का समय दिया. इसी बीच कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने पद छोड़ दिया.

13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी मामले में संज्ञान लिया.

संदीप घोष को लंबी छुट्टी पर जाने का आदेश दिया. जांच सीबीआई को सौंप दी गयी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोपी को हिरासत में लिया. 14 अगस्त को 25 सदस्यों वाली सीबीआई अधिकारियों की टीम बनी. फॉरेंसिक टीम भी बनाई गयी. ममता बनर्जी ने विरोध मार्च निकाला.

15 अगस्त को प्रदर्शनकारी डॉक्टरों पर हमला हुआ. अज्ञात भीड़ ने मेडिकल कॉलेज में घुसकर तोड़फोड़ की. इस केस में 16 अगस्त को 19 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया. 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया.

19 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रिंसिपल रहे संदीप घोष से पूछताछ की गयी.

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