कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पहलगाम आतंकी हमले को भयानक त्रासदी बताते हुए कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर में हालात को समझने और मदद करने आया हूं.
जम्मू कश्मीर की पूरी जनता ने इस भयावह घटना की निंदा की है और पूरे देश ने इसका समर्थन किया है.
राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने हमले में घायल एक व्यक्ति से मुलाकात की. बाकियों से मुलाकात नहीं कर पाने पर राहुल गांधी ने खेद जताया. राहुल गांधी ने उन शोक संतप्त परिवारों के लिए संवेदना जताई है जिन्होंने इस आतंकी वारदात में अपने प्रियजनों को खो दिया है.
राहुल गांधी ने दिल्ली में गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक की जानकारी देते हुए कहा है कि सरकार जो भी कदम उठाना चाहे. जो भी कार्रवाई करना चाहती है, संयुक्त विपक्ष का उसे समर्थन है.
राहुल गांधी ने कहा कि समाज को बांटने की मंशा से ये हमला किया गया था. भाई से भाई को लड़वाने की साजिश थी और जरूरी है कि ऐसे मुश्किल वक्त में हम भारतीय एकजुट रहें और आतंकवादियों की मंशा को नाकाम कर दें.
पहलगाम में हुआ दुस्साहसी आतंकी हमला एक भयावह त्रासदी है।
मैं यहां के हालात को समझने और मदद करने आया हूं। जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों ने इस भयावह हमले की निंदा की है और पूरी तरह से देश का समर्थन किया है। मैंने घायल हुए एक व्यक्ति से मुलाक़ात की। जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया… pic.twitter.com/wjqhsRjnx2
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 25, 2025
कश्मीरियों से बदसलूकी की निंदा की
राहुल गांधी ने देश के अलग-अलग हिस्सों में कश्मीरियों के साथ हुई बदसलूकी की निंदा की और कहा कि ये देखना दुखद है कि हमारे कश्मीरी भाई-बहनों को नफरत का शिकार होना पड़ा है. हम लोगों से अपील करते हैं कि इस मुश्किल वक्त में सब लोग एकजुट रहें और देशहित में खड़े हों. उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर आतंकियों द्वारा किए गये इस घिनौने कृत्य की आलोचना करनी चाहिए.
सीएम और उपराज्यपाल से भी हुई मुलाकात
राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला औरर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की है.
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने उनको आश्वस्त किया है कि कांग्रेस पार्टी इस मुश्किल घड़ी में पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ी है.
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले में 26 पर्यटकों सहित 28 भारतीय नागरिकों की जान चली गई थी. पीड़ितों ने बताया कि आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी.
इस हमले में नौसेना में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और आईबी के अधिकारी की भी आतंकियों ने हत्या कर दी. आतंकियों ने ज्यादातर पुरुषों को ही निशाना बनाया. पहलगाम में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं.