झारखंड में सरकार बनने के बाद से लगातार निकाय चुनाव कराने की मांग तेज हो गई है. एक ओर झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगते हुए कहा है कि चार महीने के अंदर राज्य में निकाय चुनाव कराए.
दूसरी ओर नगर निकाय चुनाव नहीं होने से वित्त आयोग की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने राज्य को दिए जाने वाले अनुदार पर रोक लगा दी. जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है. आज हम इसी मुद्दे पर बात करेंगें कि केंद्र सरकार के पास कितने अनुदान की राशी फंसी हुई है.
केंद्र में 1426 करोड़ रुपए फंसे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर केंद्र सरकार द्वारा झारखंड को अनुदान के तौर पर मिलने वाले 1426 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं.
माने ये कि अनुदान के तहत केंद्र को अपने हिस्से का 1426 करोड़ झारखंड को देना था. यह राशि 2023-24 और 2024-25 के लिए क्रमश: 713-713 करोड़ है.
केंद्रीय मंत्रालय द्वारा नगर निकाय चुनाव में देरी को राशि नहीं देने का कारण बताया गया है. इससे राज्य के कुल 49 शहरी स्थानीय निकायों में जनसुविधा और विकास के कार्य भी प्रभावित हुए. 49 निकायों में नगर निगम 9 ,नगर परिषद् 20 , नगर पंचायत 19 और अधिसूचित क्षेत्र समिति 1 शामिल है.
इसके अलावे चालू वित्तीय वर्ष में केंद्र प्रायोजित पांच योजनाओं में भी झारखंड को केंद्रीय हिस्से के 331.50 करोड़ रुपए मिलने थे.
इन योजनाओं में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, शहरी पुनरुद्धार मिशन, राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना सह राष्ट्रीय झील सरंक्षण योजना जिसे नमामि गंगे के नाम भी जाना जाता है. इसे शामिल किया गया है.
बहरहाल, दिसंबर 2024 तक राज्य को स्वच्छ भारत मिशन में केंद्रीय हिस्से का 25.18 करोड़ मिला. इस तरह उपरोक्त सभी छह केंद्र प्रायोजित योजनाएं के संचालन के लिए झारखंड को 1757.5 करोड़ मिलने थे.
गौरतलब है कि शहरी विकास , शहरो में नागरिक सुविधाएं विकसित करने और अपनें संसाधन बढ़ाने के लिए नगर निकायों के लिए केंद्र सरकार द्वार ही वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर राज्यों को ग्रांट स्वीकृत किया जाता है.
pm आवास के लिए 105 करोड़ का इंतजार
बहरहाल, इसके अलावे पीएम आवास योजना बनाने के लिए भी केंद्र के 105 करोड़ रुपए का अभी भी नगर विकास विभाग को इंतजार है.
कुछ दिन पहले राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखकर सहायता राशि से वंचित नहीं करने का आग्रह किया था.
2020 से 13 निकायों का चुनाव लंबित
राज्य सरकार द्वार ट्रिपल टेस्ट कराने के बाद चुनाव संपन्न कराने की बात करते हुए राशि आवंटित करने का अनुरोध किया गया था.
गौरतलब है कि राज्य के 13 नगर निकायों में साल 2020 से ही चुनाव लंबित है.
वहीं 35 अन्य शहरी निकायों का कार्यकाल साल 2023 के मार्च अप्रैल महीने में समाप्त हुआ था. बता दें कि संविधान के 74वें संशोधन में शहरी निकायों में चुनाव नहीं कराना स्थानीय निकायों को कमजोर करना माना गया है.
खैर! अब देखना होगा राज्य में निकाय चुनाव कब होते है. और केंद्र 15वें वित्त आयोग के तहत 1426 करोड़ की राशि को कब देती है.