निलंबन मुक्त हुई आईएस पूजा सिंघल की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ने वाली है.
ईडी ने अब मनरेगा घोटाला में आरोपी पूजा सिंघल पर कार्रवाई करने पर राज्य सरकार से स्वीकृति मांगी है. ईडी ने भारतीय नागरीक सुरक्षा सहिंता की धारा 218 का हवाला देते हुए अनुमति मांगा है.
3 जनवरी को हुई थी मामले की सुनवाई
पूजा सिंघल ने इसी मामले में झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. तब उन्होंने अदालत को बताया था कि उनके खिलाफ ईडी को राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है.
इसलिए दर्ज केस को खत्म किया जाए. क्योंकि सरकारी अधिकारी पर आपराधिक केस चलाने के लिए अभियोजन स्वीकृति जरूरी है लेकिन ईडी ने ऐसा नहीं किया.
बता दें कि पूजा सिंघल की इस याचिका पर 3 जनवरी को सुनवाई हुई थी. उस दौरान अदालत ने सुनवाई करते हुए ईडी से जवाब मांगा है. जिसके बाद ईडी ने अब राज्य सरकार से मनरेगा घोटाले में आरोपी पूजा सिंघल पर कार्रवाई करने की स्वीकृति मांगी है.
7 दिसंबर को हुआ निलंबन मुक्त
7 दिसंबर को 2024 को आईएस पूजा सिंघल को निलंबन मुक्त किया गया है. अभी वह कार्मिक एवं प्रशासिनक सुधार विभाग में योगदान दी हैं और फिलहाल पोस्टिंग के इंतजार में है.
11 मई 2022 को पूजा सिंघल हुई थी गिरफ्तार
गौरतलब है कि 6 मई 2022 को ईडी ने पूजा सिंघल सिहत अन्य लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था. छापेमारी में कुल 18 करोड़ से अधिक रूपए बरामद किए गए थे. 7 मई को उनके सीए सुमन कुमार सिंह को गिरफ्तार किया. 8 मई को ईडी ने उनके पति अभिषेक झा से पूछताछ की थी.
10 मई को पूजा सिंघल से पूछताथ की थी. 11 मई को ईडी ने पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद 12 मई 2022 को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था.
ईडी ने 200 पेज का किया चार्जशीट
मनरेगा घोटाले में पूजा सिंघल सहित सात आरोपियों के खिलाफ ईडी ने चार्जशीट दाखिल की है. 200 पेज के चार्जशीट में ईडी ने बताया है कि चतरा, खूंटी और पलामू डीसी रहते हुए पूजा सिंघल के खाते में सैलरी से 1.43 करोड़ रुपए अधिक थे.
खैर! अब देखना होगा कि ईडी ने राज्य सरकार से पूजा सिंघल पर कार्रवाई करने की स्वीकृति मांगी है वो ईडी को सरकार कब तक सौंपती है.