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मंईयां सम्मान को लेकर एक बार फिर छिड़ी सियासत, ये है बड़ी वजह !

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झारखंड में विधानसभा चुनाव के खत्म होने के बाद अब सबसे बड़ा मुद्दा मंईयां सम्मान की राशि है. दिसंबर महिने की मंईयां सम्मान राशि की किस्त चार बार टालने के बाद अब हेमंत सरकार राज्य के महिलाओं के खाते में भेज रही है. अभी राज्य की सभी लाभुकों तक ये पैसे नहीं पहुंचे हैं लेकिन दिसंबर महिने की 2500 रुपए की राशि धीरे-धीरे कर महिलाओं के खाते में भेजी जा रही है.

लेकिन अब भी इस योजना को लेकर राज्य में सियासत गरमा रही है. विपक्षी पार्टी भाजपा लगातार सरकार पर हमलावर है. दरअसल हो ये रहा है कि मंईयां सम्मान योजना को लेकर राज्य सरकार इन दिनों राजस्व संग्रह पर बहुत ज्यादा जोर दे रही है. चालू वित्तीय वर्ष में विभिन्न विभागों के लिए किए गए बजटीय प्रावधान में सरप्लस राशि को सरेंडर करने का निर्देश वित्त विभाग के द्वारा दिया गया है. जिसके बाद कई विभागों के द्वारा राशि को सरेंडर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

विभिन्न विभागों द्वारा राशि सरेंडर को लेकर भाजपा सरकार पर हमलावर है. भाजपा विधायक सीपी सिंह ने सरकार को घेरते हुए कहा है कि जब हम कोई घोषणा करते हैं तो इससे पहले बजटीय प्रावधान का ध्यान रखना चाहिए. सीपी सिंह ने कहा कि मंईयां योजना के लिए आपने हर महीने 2500 रुपया देने का वादा किया तो आपको देना ही पड़ेगा, चाहे पैसे जहां से लाएं. उन्होंने कहा कि अब इसके लिए सरकार सभी विभागों के पैसे को सरेंडर कर रही है. बार-बार यह कह रही है कि केंद्र सरकार 1 लाख 36 हजार रुपए नहीं दे रही है. अगर केंद्र सरकार पर राज्य का बकाया रहता तो वह जरूर दे देती.

वहीं भाजपा नेता रणधीर सिंह ने कहा कि झारखंड में मंईयां सम्मान योजना के कारण विकास प्रभावित होगा. उन्होंने कहा कि जो भी पैसा है उससे या तो विकास हो सकता है या फिर महिलाओं को पैसा दिया जा सकता है. अगर सरकार विकास कार्य करती है तो महिलाओं को पैसे नहीं दे पाएगी और अगर पैसे देगी तो विकास नहीं हो पाएगा.

इधर, लोजपा विधायक जनार्दन पासवान ने भी सरकार के द्वारा विभिन्न विभागों की राशि सरेंडर कर मंईयां सम्मान योजना के लिए डायवर्ट किए जाने पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि सारा कामकाज अन्य योजनाओं का ठप हो चुके हैं. मंईयां योजना से वोट का लाभ जरूर मिला है. मगर पैसे कहां से आएंगे और 5 साल कैसे यह चला पाएंगे, यह देखना होगा.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की वजह से सात दिनों का राजकीय शोक के कारण 28 दिसंबर को प्रस्तावित मंईयां सम्मान योजना कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. मगर राज्य सरकार ने दिसंबर माह से इस मद में बढ़ी हुई राशि यानी प्रतिमाह 2500 रुपया प्रति लाभुक भेजना शुरू कर दिया है. समाज कल्याण विभाग द्वारा 28 दिसंबर तक इस योजना के 55 लाख 60 हजार लोगों के बैंक अकाउंट में राशि हस्तांतरण करने का निर्देश जारी करते हुए विभिन्न जिलों को 5225 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.

अब विपक्ष के द्वारा बार-बार उठाए जा रहे सवाल पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज पांडे ने पलटवार करते हुए कहा है कि शेर दिल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जो कहते हैं वह करते हैं. उन्होंने कहा हम जुमलेबाजी में विश्वास नहीं करते हैं. मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि दिसंबर महीने से 2500 रुपए मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों के खाते में जाएगा तो वह शुरू हो चुका है तो जरूर जाएगा.

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