वन नेशन-वन इलेक्शन

वन नेशन-वन इलेक्शन का रास्ता साफ! देश में एक साथ होंगे लोकसभा-विधानसभा के चुनाव

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वन नेशन वन इलेक्शन का बिल केंद्रीय कैबिनेट से पास हो गया. इसी हफ्ते इस विधेयक को संसद में पेश किया जा सकता है.

बताया जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार बिल पर सभी दलों की आम सहमति बनाना चाहती है.

बिल को चर्चा के लिए ज्वॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी के पास भेजा जायेगा. जेपीसी इस बिल पर सभी सियासी दलों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता करेगी.

गौरतलब है कि सितंबर में केंद्र सरकार ने इसके लिए बनाई गयी उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी थी. इस सिफारिश में लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनाव को चरणबद्ध तरीके से एक साथ कराने का प्रस्ताव दिया गया था.

बताया जा रहा है कि वन नेशन-वन इलेक्शन बिल के जरिये संविधान के अनुच्छेद 82-ए में संशोधन किया जायेगा. इसमें लोकसभा और राज्य विधानसभा के कार्यकाल की समाप्ति एक साथ करने का प्रयास किया जायेगा.

इसकी संभावना तलाशी जायेगी.

बिल के लिए राज्यों की सहमति जरूरी नहीं
गौरतलब है कि इस बिल के लिए राज्यों की सहमति जरूरी नहीं है लेकिन, यदि स्थानीय निकाय के चुनाव भी लोकसभा औऱ विधानसभा चुनाव के साथ कराना हो तो कम से कम 50 फीसदी राज्यों की विधानसभाओं की मंजूरी जरूरी होगी.

ऐसे में देखना होगा कि कितने राज्यों में भारतीय जनता पार्टी या उनके सहयोगी दलों की सरकार है. कितने राज्यों में गैर-भाजपा शासित दलों की सरकार है.

राज्य विधानसभाओं का बढ़ाया जायेगा कार्यकाल
अब तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक यदि 2029 तक वन नेशन-वन इलेक्शन का बिल संसद से पास हो जाता है तो कई राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल कम हो जायेगा.

जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 के आखिरी में हुआ है, उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है.

यदि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हो जाते हैं तो 2029 तक कानून बन जायेगा. इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा का चुनाव कराना होगा.

पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में बनी थी कमिटी
गौरतलब है कि वन नेशन वन इलेक्शन की संभावना तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में उच्च-स्तरीय कमिटी का गठन किया गया था. इस कमिटी ने तमाम मंथन और विमर्श-रिसर्च के पश्चात 191 दिन बाद 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सिफारिश सौंप दी.

इस कमिटी ने इस दौरान बेल्जियम, जर्मनी, जापान, फिलीपींस, इंडोनेशिया और दक्षिण अफ्रीका की चुनाव प्रणाली का अध्ययन किया.

कैसे संभव होगा वन नेशन-वन इलेक्शन प्लान
रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमिटी ने सुझाव दिया है कि सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 के लोकसभा चुनाव तक बढ़ाना होगा. यदि चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिलता या फिर अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार गिरी तो बाकी कार्यकाल के लिए नये सिरे से चुनाव कराना होगा.

चरणबद्ध तरीके से वन-नेशन-वन इलेक्शन के लिए पहले फेज में लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनाव कराये जाएं.

इसके बाद दूसरे फेज में 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय के चुनाव कराए जायें. सभी चुनावों के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग सिंगल मतदाता सूची और एकल वोटर आईडी कार्ड तैयार करेगा. इसी से वोट डाले जायेंगे.

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