झारखंड में सरकारी नौकरियां तो ईद का चांद हो गई है. राज्य में सरकारें तो बदल जा रही है लेकिन राज्य में नौकरी नहीं मिलने की समस्या का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है. खैर अब तो नौकरी बड़ी बात हो गई झारखंड में शिक्षा व्यवस्था की जो स्थिति है अब तो लगता है यहां के बच्चों का मैट्रिक का एग्जाम दे पाना भी बहुत ज्यादा बड़ी बात है.
8वीं से 12वीं तक की परीक्षा हो रही है बाधित
जेपीएससी मेंस का रिजल्ट पेंडिंग है क्योंकि जेपीएससी में अध्यक्ष नहीं है और अब 8वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों के परीक्षा भी पेंडिंग में जा रहे हैं क्योंकि अब झारखंड में JAC अध्यक्ष का पद भी खाली हो चुका है. और जब अभी तक जेपीएससी का अध्यक्ष नहीं ढूंढा जा सका तो फिर जैक अध्यक्ष सरकार कब तक ढूंढ कर लाएगी इसका अनुमान लगाना थोड़ा मुश्किल है.
बात बहुत बड़ी और सीरियस है ,चिंतनीय है सोचने वाली है सरकार शिक्षा व्यवस्था को लेकर इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है.
एडमिट कार्ड नहीं हो रहा है डाउनलोड
ताजा अपडेट्स के मुताबिक झारखंड एकेडमिक काउंसिल JAC में पिछले 10 दिनों से न तो कोई अध्यक्ष है और न ही उपाध्यक्ष, दोनों का कार्यकाल बीते 18 जनवरी को समाप्त हो गया है। ऐसे में एग्जामिनेशन कैलेंडर भी फेल हो चुका है। मैट्रिक के लिए 25 जनवरी से और इंटर की परीक्षा के लिए 28 जनवरी से एडमिट कार्ड डाउनलोड होने थे, जो अब नहीं हो रहा है।
झारखंड एकेडमिक काउंसिल JAC में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के नहीं होने से न केवल मैट्रिक-इंटर की परीक्षा प्रभावित होने की संभावना है बल्कि 6 अन्य परीक्षाओं पर भी असर पड़ा है। बोर्ड ने 8वीं और 9वीं बोर्ड की परीक्षा अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी हैं। 8वीं की परीक्षा 28 जनवरी और 9वीं की परीक्षा 29-30 जनवरी को होने वाली थी।
देर से हो सकती है परीक्षा
मैट्रिक इंटर के परीक्षाओं के लिए एडमिट कार्ड नहीं मिलने के कारण अब संभावना जताई जा रही है कि परीक्षा की तिथि में बदलाव किया जा सकता है.दरअसल एग्जामिनेशन कैलेंडर के अनुसार परीक्षा संबंधी सारे काम होते हैं। मैट्रिक-इंटर परीक्षाओं के लिए स्कूल से एडमिट कार्ड मिलता है। बोर्ड की ओर से जो एडमिट कार्ड दिए जाते हैं, उसे स्कूल अपने रिकॉर्ड से मिलाता है। अगर इसमें किसी तरह की कोई गलतियां रहती हैं तो उसे समय रहते ठीक कराया जाता है। अब बोर्ड की परीक्षाएं 11 फरवरी से शुरू होने वाली हैं, अब तक एडमिट कार्ड डाउनलोड नहीं हो रहा है। अगर परीक्षा की तिथि आगे बढ़ा दी जाती है तो राज्य के विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. विद्यार्थी आगे की पढ़ाई के लिए देश तरीय एंट्रेंस एग्जाम में हिस्सा लेने से वंचित हो सकते हैं.
बाबूलाल मरांडी ने सरकार को घेरा
अब इस माममले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार को घेरा है. बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर लिखा है- जैक (JAC) अध्यक्ष का पद रिक्त होने के कारण लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। करीब 21 लाख छात्र, जिनकी मैट्रिक-इंटर और अन्य बोर्ड परीक्षाएं तय समय पर होनी चाहिए थीं, वो जैक अध्यक्ष का पद रिक्त होने की वजह से बाधित हो सकती है। यदि समय पर परीक्षाएं नहीं हुईं, तो छात्रों को अगले शिक्षण सत्र में नामांकन लेने में भी काफी परेशानी होगी। इसी तरह JPSC अध्यक्ष का पद भी पिछले वर्ष अगस्त से रिक्त है, जिससे कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं लंबित हैं। हजारों अभ्यर्थी मानसिक और आर्थिक दबाव में हैं। वर्षों की मेहनत और तैयारी के बावजूद ये अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। छात्रहित और रोजगार सृजन किसी भी सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। लेकिन, यह झारखंड का दुर्भाग्य है कि राज्य के छात्रों को ऐसी अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी से आग्रह है कि वे छात्रहित में इन रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति सुनिश्चित करें।