Ranchi : हेमंत सरकार में ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री डॉ इरफान अंसारी को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. इरफान अंसारी की उस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जिसमें उन्होंने दुमका सिविल कोर्ट द्वारा लगाए गए आरोपों को चुनौती दी थी.
बता दें कि आज इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण कुमार राय की अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. अब इस मामले की सुनवाई ट्रायल कोर्ट में होगी.
क्या है मामला ?
26 अक्टूबर 2018 को करमाटांड में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ था. दूसरे दिन इरफान अंसारी पीड़िता से मिलने अस्पताल पहुंचे थे. उस दौरान इरफान अंसारी ने पीड़िता के साथ एक तस्वीर खींचवाई. यही नहीं इरफान अंसारी इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर दिया था.
इससे पीड़िता की पूरी तरह से पहचान उजागर हो गई. जिसके बाद 28 अक्टूबर को करमाटांड के सहायक अवर निरीक्षक मंजूर आलम ने विधायक पर मामला दर्ज कराया. एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि इरफान अंसारी के मोबाइल से पीड़िता का फोटो वायरल हुआ है.
वहीं पीड़िता की फोटो वायरल होने पर अदालत ने भी संज्ञान लिया था. इस मामले में नवंबर 2022 में मंत्री इरफान अंसारी के खिलाफ चार्जफ्रेम हुआ था.
फिलहाल, दुमका के एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इसी को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी
इरफान अंसारी को मिला था क्लीनचिट !
आपको बता दें कि पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होने पर इरफान अंसारी ने इसे तत्कालीन रघुवर सरकार की साजिश करार दिया था.
इस मामले की जांच कर रहे अनुसंधानकर्ता इंद्रजीत पाठक ने साक्ष्य की कमी का हवाला देते हुए इरफान अंसारी को क्लीनचिट दे दिया था.