आबुआ आवास योजना के लाभुकों को निर्माण कार्य के लिए किश्त की राशि देने में यदि 7 दिन की भी देरी की गयी तो अधिकारी नपेंगे.
अधिकारियों को शोकॉज किया जाएगा. उनसे देरी की वजह पूछी जाएगी. केवल इतना ही नहीं, ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने अधिकारियों को लगातार क्षेत्र भ्रमण करने का भी निर्देश दिया है.
मिली जानकारी के मुताबिक मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने उन अधिकारियों और कर्मचारियों को चिन्हित करने को कहा है जो किश्तें जारी करने में देरी करते हैं. ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी.
दरअसल, मंत्री दीपिका पांडेय सिंह को सूचना मिली थी कि आबुआ आवास योजना के लाभुकों को तीसरी किश्त देने में देरी हुई है. मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सभी निर्माणाधीन आवासों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाये.
15 अगस्त 2022 को लॉन्च हुई थी योजना
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिछले कार्यकाल में 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रांची के मोरहाबादी मैदान से आबुआ आवास योजना की घोषणा की थी.
इस योजना के अंतर्गत बीपीएल कार्ड धारकों को 3 कमरों और शौचालय से युक्त पक्का मकान मुहैया करवाना है.
आरंभिक चरण में साढ़े 8 लाख लोगों के लिए यह योजना लॉन्च की गयी थी. दरअसल, मुख्यमंत्री का तर्क था कि प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची से झारखंड के इन साढ़े 8 लोगों को वंचित किया गया तो हमने अपनी योजना शुरू की.
ग्रामीण विकास विभाग करता है संचाल
आबुआ आवास योजना, ग्रामीण विकास विभाग के मातहत संचालित होती है. इस विभाग की मंत्री महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह हैं. पिछले कार्यकाल में आलमगीर आलम विभागीय मंत्री थे.