पिछले 2 साल से हिंसा से जूझ रहे पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में कुछ बड़ी सियासी घटना के संकेत मिल रहे हैं.
दरअसल, आज देर शाम सूबे के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह, बीजेपी सांसद संबित पात्रा, कैबिनेट मंत्री और विधायकों ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की. इससे पहले आज सुबह ही मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. एन बिरेन सिंह ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है.
#WATCH | Imphal: Manipur CM N Biren Singh, BJP MP Sambit Patra, State Ministers and MLAs reach Raj Bhavan to meet the Governor. More details awaited.
Manipur CM N Biren Singh met Union Home Minister Amit Shah, in Delhi earlier today. pic.twitter.com/NtqTdcTZBX
— ANI (@ANI) February 9, 2025
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपते हुए केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा किया. कहा कि मैं मणिपुर के लोगों की सेवा कर सका, यह मौका देने के लिए केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं. एन बिरेन सिंह ने राज्यपाल को लिखा कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने मणिपुर क्षेत्रीय संप्रभुता बनाए रखी. इसकी समृद्धि ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण किया.
उन्होंने लिखा कि उनके कार्यकाल में सीमापार घुसपैठ पर लगाम लगी और अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किया गया. ड्रग्स और नशे के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी. उन्होंने कहा कि मैं यह उम्मीद करता हूं कि केंद्र सरकार आगे भी इन्हें ऐसे ही जारी रखने का प्रयास करेगी.
3 मई 2025 को मणिपुर में भड़की थी हिंसा
गौरतलब है कि मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा देने की मांग को लेकर उठे विवाद के बीच 3 मई 2023 को सूबे में हिंसा भड़क गई थी. विवाद मैतेई और कुकी समुदाय के बीच था.
2 साल तक मणिपुर हिंसा की आग में जलता रहा.
इस दौरान करीब 250 लोग मारे गए. 1100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. लाखों लोग विस्थापित हो गए जिन्होंने राहत शिविरों या पड़ोसी राज्यों में शरण ली.
मणिपुर की कुल आबादी 38 लाख है जिनमें 53 फीसदी मैतेई समुदाय के लोग हैं. मैतेई समुदाय के लोग ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं 40 फीसदी नगा-कुकी समुदाय के लोग हैं जो पहाड़ी जिलों में रहते हैं.
राज्य में कुल 16 जिले हैं जिनमें से 5 जिले तेंगनुपाल, चुराचांदपुर, बिष्णुपुर, इंफाल वेस्ट और इंफाल ईस्ट सर्वाधिक प्रभावित रहा.
केंद्र सरकार पर लगातार मणिपुर हिंसा को नजरअंदाज करने के आरोप लगते रहे. मणिपुर की हिंसा ने कई बार नृशंसता की हदें तोड़ दी. महिलाओं और बच्चों की बेरहमी से हत्या की गयी.
महिलाओं का यौन उत्पीड़न हुआ. सोशल मीडिया में पिछले साल 2 महिलाओं को नग्न परेड कराते हुए वीडियो सामने आया था.