76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर केंद्र सरकार ने देश की कई विभूतियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया. जिसमें 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण और 113 हस्तियों को पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. पद्मश्री की इन 113 हस्तियों में एक नाम झारखंड के भी हस्ती का है. झारखंड के महान लोकगीत गायक महावीर नायक को केंद्र सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा है, ये ना केवल महावीर नायक के लिए बल्कि पूरे झारखंड राज्य के लिए बड़े गर्व की बात है.
लोकगीतों को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका
राजधानी रांची के लोक गायक 83 वर्षीय महावीर नायक को कला क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है. बता दें महावीर नायक करीब 60 सालों से लोकगीतों को संरक्षित-संवर्द्धन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अब तक 500 से अधिक लोकगीतों की रचना कर चुके हैं। वहीं 1000 लोकगीतों का संग्रह भी कर चुके हैं। महावीर नायक को भिनसरिया राग के राजा भी कहा जाता है. उन्होंने गायिकी के अलावा झारखंड अलग राज्य के लिए आंदोलन किया.महावीर नायक एचईसी में भी काम कर चुके है और अब रिटायर भी हो चुके हैं.
पिता खुदू नायक से मिली प्रेरणा
महावीर नायक का जन्म 1942 में हुआ. कला प्रेमी पिता खुदू नायक की गोद में महावीर का लालन-पालन हुआ और यही कारण है कि बचपन से ही नागपुरी गीत से उनका गहरा लगाव रहा. महावीर नायक के पिता झूमर कलाकार थे,उन्हीं से प्रेरणा पाकर महावीर कला के क्षेत्र में आगे बढ़े.
कहते हैं महावीर नायक से होकर ठेठ नागपुरी गीत की धारा निकली है. महावीर नायक को उनकी अलग गायिकी के लिए जाना जाता है. वह सभी रागों को गाने में पारंगत हैं. उन्हें प्रगतिशील गायन शैली के लिए विशेष रूप जाना जाता है. इसी गायन शैली के कारण वे जनता के बीच छाये रहे.
1992 में कुंजबन के जरिए उन्होंने पद्मश्री मुकुंद नायक की अगुवाई में सांस्कृतिक टीम के साथ अंतरराष्ट्रीय दौरा किया था। झारखंड आंदोलन के दौरान पद्मश्री मुकुंद नायक और मधु मंसुरी हंसमुख के साथ सांस्कृतिक आंदोलन के दौरान अखड़ा बचाने में अहम योगदान दिया था। नागपुरी भाषा में फगुवा राग, पावस राग, मदारनी झुमर राग में महावीर नायक की विशिष्टता है। वर्ष 2023 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी, भारत सरकार ने अमृत अवार्ड से नवाजा.
महावीर नायक झारखंड और देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों में भी कार्यक्रम पेश कर चुके हैं. पद्मश्री मुकुंद नायक और डॉ रामदयाल मुंडा के साथ उन्हें ताइवान जाने का मौका मिला. इन्हें राज्योंु के साथ-साथ विदेशों में भी कई सम्मारन मिले हैं. 2014 में भारत लोकरंग महोत्सैव में लोककला रत्नु अवॉर्ड और स्वयर्ण जयंती समारोह 2019 में भी सम्माौनित किया गया.
महावीर नायक ने क्या कहा
अब केंद्र सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान से नवाजे जाने पर महाबीर नायक ने कहा कि उनकी कड़ी मेहनत आखिरकार रंग लाई है। यह सम्मान उनको झारखंड की कला, संस्कृति और संगीत की रक्षा जारी रखने के लिए प्रेरित करेगा।