Madhupur में Hafizul बचा पाएंगे JMM का गढ़, BJP की होगी वापसी या Jairam बनेंगे फैक्टर ?

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मधुपूर में वर्तमान में झामुमो से कैबिनेट मंत्री हफीजुल हसन विधायक है. हालांकि हफीजुल हसन 2019 में चुनाव नहीं लड़े थे बल्कि उनके पिता हाजी हुसैन अंसारी ने यहां से जीत हासिल की थी, बाद में कोरोना की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई.मधुपूर में 2021 में उपचुनाव कराए गए जिसमें जेएमएम ने अपना प्रत्याशी दिवंगत हाजी हुसैन के बेटे हफीजुल हसन को बनाया. मधुपुर विधानसभा उपचुनाव-2021 का परिणाम झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी हफीजुल अंसारी के पक्ष में गया . अंसारी ने भाजपा प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह को पराजित किया .

मधुपूर में लंबे समय से भाजपा झामुमो के बीच मुख्य मुकाबला होता रहा है लेकिन इस बार इस सीट पर भी जयराम फैक्टर बन सकते हैं और मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा इसकी संभावनाएं जताई जा रही है.
आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा इस सीट पर अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनः वापस करने की रणनीति बनाने में जुटी है। गत लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में गहरी शिकस्त मिलने के बावजूद भाजपा के टिकट के कई प्रबल दावेदार हैं। इसमें दो बार भाजपा के टिकट पर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व विधायक राज पलिवार के साथ वर्ष 2021 में उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनावी दंगल में महज 5 हजार वोटों के अंतर से हारने वाले गंगा नारायण सिंह, जिलाध्यक्ष सचिन रवानी सहित कई अन्य नाम शामिल हैं। लेकिन यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा मधुपुर विधानसभा सीट से किसे अपना योद्धा बनाती है। इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। लेकिन इतना तो तय है कि इस सीट पर मुख्य मुकाबला झामुमो और भाजपा के बीच ही होगा.

इस बीच हाल के दिनों में इस क्षेत्र में भी स्थानीय मुद्दों को लेकर संघर्ष करने वाले जयराम महतो की पार्टी की सक्रियता बढ़ी है। जयराम महतो की पार्टी झारखंड क्रांतिकारी लोकतांत्रिक मोर्चा (जेकेएलएम ) मधुपूर से भी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारने की तैयारी में है. इस क्षेत्र में अगर जयराम अपना उम्मीदवार उतार देते हैं तो झामुमो और भाजपा कको थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

अब मधुपूर सीट के इतिहास पर एक नजर डालते हैं. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद मधुपूर में झामुमो और भाजपा अलटर्नेट तरीके से जीत रही है. या कहे तो यहां मुकाबला हाजी हुसैन अंसारी और राज पलिवार के बीच ही रहा है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार

2005 के चुनाव में भाजपा से राज पलिवार जीते. उन्होंने जेएमएम के हुसैन अंसारी को हराया.
2009 में झामुमो के टिकट से हुसैन अंसारी जीते.

2014 के विधानसभा चुनाव में राज पलिवार भाजपा के टिकट से दूसरी बार जीते, इस बार उन्होंने झामुमो प्रत्याशी हाजी हुसैन अंसारी को हराया था.

2019 के चुनाव में झामुमो की टिकट से हाजी हुसैन अंसारी जीते.इस बार उन्होंने राज परिवार को हराया था.
2021 के उपचुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा तब जेएमएम से हफीजुल हसन जीत कर विधानसभा पहुंचे.उन्हें हेमंत कैबिनेट में भी जगह मिली.

2024 के चुनाव में भी झामुमो से हफीजुल हसन को टिकट मिलने की संभावना है वहीं भाजपा राज पलिवार पर अपना दांव खेल सकती है अगर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे उनका पत्ता नहीं काटते हैं. फिलहाल चुनाव के तिथि की घोषणा के बाद पता चलेगा किस-किस दल के योद्धा मैदान में आते हैं।

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