कथित शराब घोटाला मामले में आरोपी IAS विनय चौबे ने एसीबी की रिमांड के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
याचिका दाखिल कर विनय चौबे ने क्या बताया?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विनय चौबे ने एसीबी द्वारा दो दिनों के रिमांड के विरूद्ध हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. जिसमें कहा गया है कि एसीबी ने उनसे पूछताछ के बाद ही गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. फिर एसीबी ने कोर्ड में रिमांड का आवेदन दिया.
एसीबी के इस आवेदन का विरोध करते हुए कहा गया कि जब पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया तब रिमांड पर लेने की क्या जरूरत थी. प्राथमिकी दर्ज करने के दिन ही कोर्ट में पेशी से ऐसा लगता है एसीब की पूछताछ पूरी हो गई थी. ऐसे में रिमांड पर लेने का आदेश देना उचित नहीं है.
विनय चौबे समेच चार को किया गया निलंबित
मालूम हो की बीते गुरूवार को आईएएस विनय चौबे समेत चार अधिकारियों को हेमंत सरकार ने निलंबित कर दिया.
बता दें रिम्स में भर्ती होने के कारण विनय चौबे से एसीबी टीम पूछताछ नहीं कर सकी. जबकि गजेंद्र सिंह समेत दो आरोपियों से एसीबी ने कई तरह के सवाल किए.
20 मई को हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि झारखंड सरकार ने 38 करोड़ के शराब घोटाला मामले में जिन्हें सस्पेंड किया है उनमें आईएएस अधिकारी विनय चौबे और आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेद्र सिंह शामिल है. दोनों को गिरफ्तारी की तिथी 20 मई के प्रभाव से निलिंबित किया गया है. इसी दिन विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को एसीबी ने गिरफ्तार किया था.
वहीं इसी मामले में रियाडा में पोस्टेड झारखंड बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के पूर्व जीएम वित्त सुधीर कुमार व वर्तमान जीएम फाइनेंस सुधीर कुमार दास को भी निलंबित किया गया है. इन दोनों का निलंबन 21 मई की तारीख से प्रभावी होगा.
गौरतलब है कि एसीबी की जांच में चारो पदाधिकारियों द्वारा पद का दुरुपयोग करने और राज्य सरकार को भारी वित्तीय नुकसाना पहुंचाने की बात सामने आई है. जांच में आबकारी संचालन में गंभीर अनियमितताओँ के संकेत मिले जिसके चलते राज्य की शराब वितरण और लाइसेंसिग प्रणाली की व्यापक जांची शरू कर दी गई.