दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर के भाई यूकेश चंद्राकर ने दावा किया है कि हत्यारोपी सुरेश चंद्राकर उनका भाई नहीं है.
यूकेश चंद्राकर ने कहा कि सुरेश, रितेश और दिनेश चंद्रकार हमारे चचेरे भाई नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह गलत खबर फैली है. उन्होंने कहा कि सरनेम एक है लेकिन वंशावली में दूर-दूर तक कहीं कोई रिश्ता नहीं है हमारा और उनका.
उन्होंने कह कि खबरों की हेडलाइन ऐसे बननी चाहिए कि कद्दावर ठेकेदार ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की है.
गौरतलब है कि बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गयी थी. उनका शव 3 जनवरी की देर शाम को बीजापुर में चट्टानपारा में ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के मजदूरों के लिए बने अहाते में सैप्टिक टैंक से मिला था. कहा जाता है कि उनकी हत्या 1 जनवरी को ही कर दी गयी थी.
सुरेश, रितेश और दिनेश चंद्राकर हमारे कोई चचेरे भाई नहीं हैं । ये ग़लत ख़बर फैली है । सरनेम एक है, वंशावली में दूर दूर तक कहीं कोई रिश्ता नहीं है हमारा उनका ।
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“कद्दावर ठेकेदार ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की है !” @MukeshChandrak9 #MukeshChandrakar… pic.twitter.com/rj7bMCgXcG— Yukesh Chandrakar (@youareYukesh) January 17, 2025
सुरेश चंद्राकर हत्याकांड में मुख्य आरोपी
हत्या का मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को माना जा रहा है. आरंभिक जानकारी में यह बात सामने आई है कि सुरेश चंद्रकार के इशारे पर उसके भाई रितेश चंद्रकार ने मुंशी महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या कर दी. शव को ठिकाने लगाने में एक और भाई दिनेश चंद्राकर ने मदद की. आरंभिक जांच में पता चला है कि प्लान के मुताबिक हत्या से पहले सुरेश चंद्रकार हैदराबाद चला गया था. रितेश हत्या के बाद दिल्ली जाने की फिराक में था. वह दिल्ली में ही रहा करता था. वहीं, दिनेश चंद्राकर खुद अस्पताल में भर्ती हो गया था. प्लान ये था कि यदि हत्याकांड या मुकेश के लापता होने में उनका नाम आया तो कह देंगे कि सुरेश चंद्राकर हैदराबाद और रितेश चंद्रकार तो दिल्ली में थे. दिनेश चंद्राकर तो बीमार था.
आरोपियों ने चट्टानपारा के अहाते में बने कमरा नंबर 11 में मुकेश चंद्राकर की लोहे की रॉड से पीटकर हत्या की और उनका शव सैप्टिक टैंक में डाल दिया था. उनका मोबाइल फोन करीब 40 किमी दूर तुमनार नदी में फेंक दिया था. उसे अभी बरामद नहीं किया जा सका है.