झारखंड में बीते अगस्त के महिने से ही जेपीएससी में अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है. जिसके वजह से राज्य सरकार की कई प्रतियोगी परीक्षाओं का रिजल्ट भी पेंडिंग पड़ा है. डॉ नीलिमा केरकेट्टा के रिटायरमेंट के बाद राज्य में विधानसभा के चुनाव हुए नई सरकार भी बन गई लेकिन अब तक जेपीएससी का अध्यक्ष नहीं चुना गया. मामला हाईकोर्ट तक भी जा पहुंचा है.हाईकोर्ट ने इस मामले पर कड़ा रुखा अपनाया है और सरकार को जल्द इस रिक्त पद को भरने का निर्देश दे दिया है.
दो IAS एक IPS पद की दौड़ में शामिल
अब राज्य सरकार इस मुद्दे पर अपनी नजर दौड़ा रही है और एक योग्य अध्यक्ष की तलाश में जुट गई है. रिपोर्ट्स की माने तो अध्यक्ष पद की रेस में झारखंड के दो आईएएस औरएक आईपीएस शामिल हैं. नए अध्यक्ष के लिए दो आईएएस में पूर्व मुख्य सचिव एल ख्यांग्ते और प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का के नाम की चर्चा है। जबकि एक आइपीएस के नाम पर भी बात चल रही है। हालांकि जेपीएससी में फिलहाल तीन सदस्य हैं। प्रो अजिता भट्टाचार्य, प्रो अनिमा हांसदा और प्रो जमाल अहमद। अगर नई नियुक्ति करने में सरकार को परेशानी है, तो इनमें से किसी को वरीयता के आधार पर जेपीएससी अध्यक्ष का प्रभार दे सकती है। पहले में भी ऐसा किया जा चुका है। अध्यक्ष का प्रभार मिलने से रिजल्ट प्रकाशन, इंटरव्यू और परीक्षाएं ली जा सकेंगी.
1700 नियुक्तियों अटकी
लेकिन जेपीएससी के अध्यक्ष पद के लिए फाइनल नाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ही तय करना है. बीते पांच महिने से पूरा लोकसेवा आयोग ठप्प पड़ा हुआ है। जिस आयोग को लगभग हर महीने नियुक्ति के लिए रिजल्ट जारी करना था, वह बीते पांच महीने से लगभग 17 सौ नियुक्तियों की लिस्ट थामे बैठी हुई है। स्थिति यह है कि सिविल सेवा से लेकर विभिन्न तरह के 19 नियुक्तियां अटकी पड़ी हैं.
जेपीएससी में अध्यक्ष पद खाली रहने से तमाम नियुक्तियां अटकी पड़ी है. जिसमें
11वीं सिविल सेवा के 342
सीडीपीओ के 64
सिविल जज जूनियर के 138
फॉरेस्ट रेंज अफसर के 170
फॉरेस्ट असिस्टेंट रेंज अफसर के 78
विवि अधिकारी के 24
फूड एनालिस्ट के 02
मेडिकल अफसर के 256
फूड सेफ्टी अफसर के 56
डेयरी डायरेक्टर के 01
उच्च शिक्षा निदेशक का 01
प्लस टू प्राचार्य का 39
जिला डेंटल डॉक्टर के 12
यूनानी मेडिकल अफसर के 78
होम्योपैथिक डॉक्टर के 137
आयुर्वेदिक डॉक्टर के 207
मेडिकल कॉलेज शिक्षक के 44
सीनियर डेंटल डॉक्टर के 20
और डेंटल डॉक्टर 23 पद खाली पड़े हैं.
गौरतलब है कि झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की पीठ में राज्य में सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पीठ में सरकार को जेपीएससी के अध्यक्ष का पद यथाशीघ्र भरने का निर्देश दिया है.
हाईकोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट ने मौखिक कहा कि अध्यक्ष का पद 5 माह से रिक्त है। इस कारण कई नियुक्तियों की प्रक्रिया बाधित हो रही है. उक्त निर्देश के साथ कोर्ट ने याचिका को निष्पादित कर दिया। इस संबंध में पवन कुमार वर्मा की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.
बता दें जेपीएससी की 11वीं से 13वीं सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा जून में ही ली गई थी। सफल अभ्यर्थी दस्तावेज सत्यापन, साक्षात्कार एवं परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। अध्यक्ष के नहीं रहने से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है.
सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जेपीएससी के अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए उचित कार्रवाई की जा रही है। जेपीएससी अध्यक्ष के पद को जैसे ही भरा जाएगा, नियुक्ति प्रक्रिया तत्काल पूरी कर ली जाएगी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आमतौर पर राज्य सरकार के नीतिगत मामलों में हाई कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करता है, लेकिन यह मामला सैकड़ों अभ्यर्थियों की नियुक्ति से संबंधित है इसलिए सरकार जल्द से जल्द इस पर फैसला ले.
अब देखना होगा कि हाईकोर्ट के इस फैसला के बाद सरकार किस नतीजे पर आथी है,किसे अध्यक्ष पद के लिए योग्य मानती है और कब तक जेपीएससी का अध्यक्ष पद भर पाता है.