पहली जेपीएससी में धांधली के मामले में 47 अधिकारियों पर गाज गिरी है. कुल 74 आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने समन किया है. 16 जनवरी को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी.
कोर्ट ने समन जारी कर पक्ष रखने को कहा
इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने इन 74 लोगों के पते पर समन भेजकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. आरोपी, व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट में आकर या फिर अपने वकील के माध्यम से अपनी बात रख सकते हैं.
गौरतलब है कि 1 दिसंबर 2002 को पहली जेपीएससी के मार्फत सिविल सेवा परीक्षा में 65 डिप्टी कलेक्टर की भर्ती की गयी थी. छानबीन में पाया गया कि चयन प्रक्रिया में पीटी परीक्षा के समय निर्धारित सीमा से ज्यादा अभ्यर्थियों को सफल घोषित करके, जेपीएससी द्वारा निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन किया गया है. परीक्षा की कॉपी जांच रहे लोगों ने आरोपी अधिकारियों को फायदा पहुंचाया.
बड़े स्तर पर हुई है परीक्षा में गड़बड़ी
नियम के मुताबिक पीटी परीक्षा में केवल 665 अभ्यर्थियों का ही चयन करना था लेकिन, 9,488 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया. इसके लिए कोई पैनल भी तैयार नहीं किया गया था. बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुयी.
जांच के दौरान यह बात सामने आई कि अंतिम रूप चयनित 64 अभ्यर्थियों में जिन 49 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया, कायदे से वे पीटी परीक्षा भी पास करने लायक नहीं थे.
12 साल बाद आरोपियों के खिलफा चार्जशीट दाखिल
सीबीआई मामले की जांच कर रही थी. जांच शुरू होने के 12 साल बाद 4 मई 2024 को सीबीआई ने जेपीएससी के तात्कालीन अध्यक्ष डॉ. दिलीप प्रसाद सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया.
जांच में पता चला कि मुख्य परीक्षा में भी निर्धारित 196 के मुकाबले 246 उम्मीदवारों को सफल घषित किया गया. इंटरव्यू के लिए तय सीमा से ज्यादा अभ्यर्थी बुलाए गए. 4 इंटरव्यू पैनल था जिसमें प्रत्येक का नेतृत्व आयोग के अध्यक्ष और एक सदस्य कर रहे थे.
आखिरकार 64 अभ्यर्थियों का चयन किया गया. बाद में 2 अधिकारियों ने सेवा छोड़ दी. 2 अधिकारियों की मौत हो गयी. बाकी राज्य सरकार में विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं.
आयोग शुरू से ही विवादों में रहा
गौरतलब है कि झारखंड में गर्वनेंस के लिए अधिकारियों की नियुक्ति करने के अलावा, उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रोफेसर और मेडिकल प्रोफेशनल तक की नियुक्तियों की जिम्मेदारी जेपीएससी की होती है लेकिन आय़ोग शुरू से ही विवादों में रहा है.
पहली और दूसरी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा जांच के दायरे में है. अब तक केवल 6 बार ही जेपीएससी की परीक्षा हो पायी है.
11वीं जेपीएससी सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा केआयोजन को 6 माह बीत चुके हैं लेकिन, अब तक परिणाम जारी नहीं किया गया. अब पहली जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा मामले में 74 आरोपियों को समन हुआ है. देखिए, आगे क्या होता है.