चंपाई सोरेन के भाजपा में जाने के बाद झामुमो का पहला रिएक्शन सामने आया है.
“इतिहास गवाह है कि जो लोग झामुमो छोड़कर किसी अन्य पार्टी में शामिल हुए हैं, उन्हें वह सम्मान नहीं दिया गया है. भाजपा का अस्तित्व हमारे नेताओं पर निर्भर है. पहले सीता सोरेन को ले गए अब चंपाई सोरेन जी को। उनके पास अपना कोई चेहरा नहीं है. जब तक चंपाई सोरेन हमारी पार्टी में हैं उनका अपना कद है और एक महत्व है। जैसे ही वह हमारी पार्टी छोड़ेंगे, मुझे लगता है कि लोग भी उन्हें छोड़ देंगे.”
ये बोल हैं झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडे के. चंपाई सोरेन के अमित शाह के मुलाकात के बाद ये झामुमो का पहला रिएक्शन है.
झारखंड में बीते एक सप्ताह से चल रही राजनीतिक कयासों पर अंतत विराम लग गया है. चंपाई सोरेन के बार-बार दिल्ली दौरे, उनके ट्वीट से झारखंड की राजनीति में कई तरह की बातें सामने आ रही थी,जिसमें सबसे ज्यादा कयास इसी बात के थे कि चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल हो रहे हैं. हालांकि चंपाई सोरेन ने इन बातों से साफ इंकार किया था और कहा कि वे नया संगठन बनाएंगे. लेकिन बीती रात विधानसभा चुनाव सह प्रभारी व असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा के एक ट्वीट ने झारखंड की राजनीति में भूचाल ला दिया और कयासों पर भी विराम लगा दिया.
हिमंत विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हमारे देश के दिग्गज आदिवासी नेता चंपाई सोरेन जी ने कुछ समय पहले माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात की. वह 30 अगस्त को झारखंड की राजधानी रांची में आधिकारिक तौर पर बीजेपी में शामिल होंगे.
हिमंता ने कंफर्म कर दिया कि विधानसभा चुनाव से पहले चंपाई अब भाजपा का ही हिस्सा होंगे.इस खबर के सामने आने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा का भी पहला रिएक्शन सामने आया है. झामुमो ने कहा कि चंपाई सोरेन पार्टी झामुमो छोड़ देंगे तो झारखँड की जनता भी उनको छोड़ देगी.
चंपाई के भाजपा ज्वाइन करने पर जेएमएम नेता मनोज पांडे ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि जब तक चंपाई सोरेन जेएमएम में है तब तक उनको तवज्जो दी जा रही है, जैसे ही वह पार्टी को छोड़ेगे, जनता भी उन्हें छोड़ देगी. उन्होंने कहा, दुख होता है लेकिन अब स्थिति साफ है.वह दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं. इसका क्या असर होगा यह तो वक्त ही बताएगा. लेकिन इतिहास गवाह है कि जो लोग झामुमो छोड़कर किसी अन्य पार्टी में शामिल हुए हैं, उन्हें वह सम्मान नहीं दिया गया है. भाजपा का अस्तित्व हमारे नेताओं पर निर्भर है. पहले सीता सोरेन को ले गए अब चंपाई सोरेन जी को। उनके पास अपना कोई चेहरा नहीं है. जब तक चंपाई सोरेन हमारी पार्टी में हैं उनका अपना कद है और एक महत्व है। जैसे ही वह हमारी पार्टी छोड़ेंगे, मुझे लगता है कि लोग भी उन्हें छोड़ देंगे.
वहीं हिमंता के ट्वीट के बाद गोड्डा से भाजपा सासंद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह भूकंप झारखंड में राजनीतिक झटके को आगे बढ़ाएगा. उन्होंने लिखा है कि चंपाई सोरेन जी को माननीय गृहमंत्री अमित शाह जी की उपस्थिति में असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वशर्मा जी ने भाजपा में लाया. आज देवघर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, यह भूकंप राज्य में हुए राजनीतिक झटके को आगे बढ़ाएगा.