कुरआन, शरीयत और संविधान को लेकर मंत्री हफीजुल हसन अंसारी के विवादास्पद बयान से उनकी पार्टी झामुमो ने किनारा कर लिया है.ॉ
हेमंत कैबिनेट में मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने मीडिया से कहा कि मंत्रीजी के बयान पर उन्हीं से सवाल किया जाना चाहिए. हफीजुल हसन अंसारी का बयान, झारखंड मुक्ति मोर्चा का बयान नहीं है. सुदिव्य सोनू ने स्पष्ट किया कि धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दल संविधान को मानते हैं.
दरअसल, सुदिव्य सोनू से हफीजुल हसन अंसारी के उस बयान पर सवाल किया गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मुसलमान सीने में शरिया और हाथ में संविधान लेकर चलता है. हफीजुल अंसारी ने कहा था कि मुसलमान के लिए कुरआन और शरिया पहले और फिर संविधान.
उन्होंने कहा था कि हमारे लिए सबसे पहले शरीअत है.
ध्यान योग्य बात ये भी है कि हफीजुल हसन अंसारी ने ये बयान भूलवश नहीं दिया था बल्कि उन्होंने 2 अलग-अलग मीडिया चैनल में इसी बयान को दोहराया.
वक्फ बिल के विरोध को लेकर हुआ था मंत्री से सवाल
दरअसल, वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के विरोध को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने कहा था कि केंद्र की बीजेपी सरकार मुस्लिमों के परंपरागत शरीअत नियमों को तोड़ने का काम कर रही है.
उन्होंने कहा था कि तीन तलाक और वक्फ बोर्ड से बीजेपी को क्या लेना-देना है.
क्यों इन स्थापित नियमों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है.
हफीजुल अंसारी ने कहा था कि बीजेपी के उकसावे का परिणाम ये होगा कि मुस्लिम समाज के लोग सड़क पर उतरेंगे और मारकाट मचेगी. देश बर्बाद होगा. उन्होंने कहा कि तीन तलाक के नियम में बदलाव की मांग तो मुस्लिम समाज की महिलाओं ने नहीं किया था.
वक्फ बोर्ड में बदलाव की मांग हमने नहीं की थी.
जब कहा गया कि केंद्र सरकार तो इन बदलावों को संवैधानिक बताती है तो हफीजुल हसन अंसारी ने कहा कि हमारे लिए शरीयत पहले है और बाद में संविधान. हम शरीअत को सीने में लेकर चलते हैं.
हफीजुल हसन अंसारी के विवादास्पद बयान से बवाल
शरीअत और कुरान को संविधान के ऊपर बताने वाले हफीजुल हसन अंसारी के बयान पर खूब हंगामा हुआ.
भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी. अमर बाउरी और बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हफीजुल हसन अंसारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधान प्रदत शक्तियों के जरिये चुनकर आये और अब इस्लामिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी उनके बयान की निंदा की. अब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया है. सुदिव्य सोनू ने इसे उनका व्यक्तिगत बयान बताया है.