सुदिव्य सोनू

पर्यटन मंत्री सुदिव्य सोनू क्यों गये स्पेन, झारखंड में होने वाला है ये बड़ा काम

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पर्यटन मंत्री सुदिव्य सोनू अपने विभाग के सचिव मनोज कुमार, निदेशक अंजलि यादव और उपनिदेशक राजीव कुमार सिंह के साथ स्पेन यात्रा के लिए दिल्ली पहुंचे चुके हैं. पर्यटन मंत्री की 3 सदस्यीय टीम झारखंड के पर्यटन उद्योग को व्यापारिक दृष्टिकोण से समझने के उद्देश्य से स्पेन जा रही है.

स्पेन की राजधानी मैड्रिड में 22 से 26 जनवरी तक इंटरनेशनल टूरिज्म ट्रेड फेयर के 45वें पर्यटन बाजार में मंत्री सुदिव्य कुमार और विभागीय अधिकारी हिस्सा लेंगे.

हालांकि, 26 जनवरी के मद्देनजर मंत्री सुदिव्य कुमार 24-25 जनवरी तक वापस रांची लौट आएंगे जबकि विभाग के 3 उच्चाधिकारी 28 जनवरी को स्पेन से वापस रांची लौटेंगे.

ट्राबल टिरिज्म को बढ़ावा देने की तैयारी में है हेमंत सरकार 

गिरिडीह से झामुमो विधायक व पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू लगातार एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं.

मंत्रिपद संभालने के बाद से ही वे झारखंड-बिहार समेत कई पर्यटक स्थलों का निरीक्षण कर झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने की तैयारी में हैं. झारखंड में आदिवासी संस्कृति से पर्यटकों को रूबरू कराने के लिए मंत्री सुदिव्य कुमार ने नई पहल की है.

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में ट्राइबल टूरिज्म की जल्द शुरुआत होने वाली है.

इसके लिए विभाग द्वारा संभावित जगहों को चिन्हित भी किया जा रहा है. मंत्री ने बताया कि तमाड़ के अड़की से उलिहातू होते हुए पहला ट्राइबल टूरिज्म विकसित किया जाएगा. झारखंड समेत देश-विदेश से आए पर्यटक झारखंड के ट्राइबल टूरिस्ट स्पॉट से आदिवासी संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान से अच्छी तरह परिचित हो पाएंगे.

झारखंड में ट्राइबल टूरिज्म के अलावा माइंस टूरिज्म को भी बढ़ावा

भारत के कुल खनिज संसाधनों का 40 प्रतिशत और देश के कुल कोयला क्षेत्र भंडार का 29 प्रतिशत हिस्सा अकेले झारखंड के पास है.

झारखंड में बेहद महत्वपूर्ण खनिज यूरेनियम, अभ्रक, बॉक्साइट, ग्रेनाइट, चूना पत्थर, चांदी, ग्रेफाइट, मैग्रेटाइट का बड़े पैमाने पर भंडार है. भोगौलिक दृष्टि से देखें तो झारखंड जैसे छोटे राज्य की पहचान भी इसके खनिज संपदा से ही है. ऐसे में हेमंत सोरेन सरकार माइंस को भी टूरिज्म के दायरे में लाने का प्रयास कर रही है.

पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि झारखंड में माइंस टूरिज्म को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि पर्यटक ओपन कास्ट माइंस का नजारा ले सके. बता दें कि झारखंड में सीसीएल, बीबीसीएल जैसी कई कोयला खनन कंपनियां वर्षों से कोयला खनन कर रही हैं.

ऐसे में सरकार इन कंपनियों के साथ मिलकर जल्द ही माइंस टूरिज्म के लिए नई संभावनों की तलाश करने वाली है.

इन जगहों के जल्द विकसित होने की संभावना

मंत्री सुदिव्य कुमार लगातार झारखंड के पर्यटक स्थलों का निरिक्षण कर रहे हैं.

सरकार गठन के एक महीने के अंदर ही वे बिहार के राजगीर में बना ग्लास ब्रिज देखने पहुंचे. वहां पहुंचकर ग्लास ब्रिज के इंजीनियरिंग और बजट को समझने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की.

वापस लौटने के कुछ ही दिनों बाद सीएम हेमंत संग बैठक कर राज्य में संभावित पर्यटक स्थलों और उससे सृजित होने वाले रोजगार को लेकर मंथन भी किया. इसके बाद मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि हजारीबाग के मेगालिथ को भी विकसित करना है.

साथ ही दशम फॉल, नेतरहाट स्थित मैगनोलिया प्वाइंट व पतरातू वैली के सेल्फी प्वॉइंट पर ग्लास ब्रिज बनाने की योजना पर विभाग काम कर रहा है.

मंत्री ने आगे बताया कि नेतरहाट के कोयल व्यू प्वाइंट पर ग्लास टावर का निर्माण  किया जाएगा. मसानजोर, गेतलसूद , पतरातू, चांडिल, तेनुघाट और तिलैया डैम में पर्यटकों को बेहतर सुविधाए मिले इससे लेकर भी विभाग लगातार प्रयासरत है.

 

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