दिल्ली में एक दिन के लिए ऑस्ट्रेलिया की राजदूत बननेवाली झारखंड की बेटी परी सिंह आज पटमदा अंचल कार्यालय में चौकीदार के रूप में योगदान दे रही हैं.
बता दें कि लावा गांव की रहनेवाली परी सिंह ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद समाज सेवा को अपना मिशन बना लिया. बाल विवाह, महिला शिक्षा और बालिकाओं के अधिकारों को लेकर वह लगातार काम करती रहीं.
2018 में एक दिन के लिए बनी थी ऑस्ट्रेलिया की राजदूत
गौरतलब है कि साल 2017 में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर उन्हें एक दिन के लिए पटमदा का प्रखंड विकास पदाधिकारी बनाया गया था.
इसके अगले ही साल, 2018 में दिल्ली में आयोजित समारोह में यूनिसेफ ने उन्हें ‘यूथ चैंपियन अवार्ड’ से सम्मानित किया.
यही नहीं, अक्टूबर 2018 में परी सिंह को यूनिसेफ ने एक दिन के लिए ऑस्ट्रेलिया का राजदूत भी बनाया था. मालूम हो कि यह सम्मान जो देश की गिनी-चुनी बेटियों को ही मिलता है.
पिता है ट्रक चालक
हाल ही में वह भारतीय स्टेट बैंक में ‘बैंक सखी’ के रूप में गांव की महिलाओं को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने का काम कर रही थीं. अब पटमदा अंचल कार्यालय में बतौर चौकीदार योगदान देंगी. परी के पिता एक ट्रक चालक हैं, और उनके परदादा निताई सिंह सरदार पटमदा के पहले विधायक थे.