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बिहार में टूट जायेगा NDA गठबंधन, JDU ने क्यों शुरू किया पोस्टर पॉलिटिक्स!

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बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन? पिछले कुछ दिनों से सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज थी. दरअसल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कह दिया था कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला एनडीए की बैठक में होगा.

उनका कहना था कि जब जेडीयू और भाजपा के लोग साथ बैठेंगे तो हम तय करेंगे कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?

दरअसल, पिछले चुनाव में कम सीटें जीतकर भी जेडीयू को ही सीएम पद मिला. बीच में जब नीतीश कुमार आरजेडी और कांग्रेस के साथ गये तो भी मुख्यमंत्री थे. जब एनडीए में वापस आए तो भी मुख्यमंत्री हैं. हालांकि, जब अमित शाह ने एनडीए की बैठक में अगला सीएम तय करने की बात की तो गठबंधन में फूट की चर्चा शुरू हो गयी.

विपक्ष ने भी कहा कि एनडीए फिर टूट सकता है. हालांकि, अब जेडीयू ने एक पोस्टर जारी करके इन तमाम कयासों पर विराम लगा दिया है. क्या है इस पोस्टर में?

 

जेडीयू ने पोस्टर में क्या लिखा है
जेडीयू के आधिकारिक ट्विटर (X) अकाउंट से जो पोस्टर शेयर किया गया है उसमें लिखा है कि एकजुट एनडीए, एकजुट बिहार, 2025 में फिर से नीतीश कुमार.

इस पोस्टर के ऊपर कैप्शन में लिखा गया है कि एनडीए मतलब सशक्त भारत, विकसित भारत. एनडीए मतलब विकास की गारंटी. एनडीए मतलब सुरक्षा की गारंटी. एनडीए मतलब मजबूत इरादे.

एनडीए मतलब हर व्यक्ति का सम्मान.

महाराष्ट्र में क्यों टूटा था गठबंधन
बिहार में नेतृत्व परिवर्तन पर एनडीए गठबंधन में फूट की चर्चा इसलिए भी शुरू हुई क्योंकि हालिया संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन स्पष्ट जनादेश हासिल करने के बाद भी काफी दिनों तक सरकार का गठन नहीं कर पाया क्योंकि मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) में ठन गयी थी.

कभी खुलेआम तो नहीं कहा लेकिन चर्चा थी कि एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री बने रहना चाहते थे.

वह 2.5-2.5 साल के सीएम पद की पेशकश कर रहे थे लेकिन चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा इससे सहमत नहीं थी. इससे पहले महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन मुख्यमंत्री पद के लिए ही टूट गया था. त

ब उद्धव ठाकरे 2.5-2.5 साल तक सीएम कुर्सी के लिए अड़ गये थे.

बिहार में एनडीए का भविष्य क्या है
हालांकि, बिहार में फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है. यहां भाजपा, नीतीश कुमार की जरूरत को जानती है. नीतीश कुमार भी यह समझते हैं. हां, चुनावों में यदि भाजपा को लगा कि उसके पास सरकार बनाने लायक पर्याप्त सीटें हैं.

यदि कहीं फंसे औऱ जेडीयू को किनारे भी लगाना पड़ा और कहीं किसी समर्थन से सरकार बन जायेगी तो संभवत वह अपने लिए मुख्यमंत्री पद पर अड़ सकती है.

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