Ranchi : विधानसभा चुनाव की घोषण कभी भी हो सकती है. वहीं चुनाव से पहले जयराम महतो की पार्टी का कुनबा बढ़ते जा रहा है, आए दिन कोई न कोई नेता जेएलकेएम का दामन थाम रहा है, आखिर अब कौन वे नेता है जो जयराम महतो से साथ आ रहे हैं.
दरअसल, आज गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र में सिहोडीह आमबागान में एक जेएलकेएम का कार्यक्रम में है. जहां कांग्रेस के नेता नवीन चौरसिया जयराम महतो की पार्टी का दामन थामने वाले है. एक तरह से कहा जा सकता है कि विधानसभा चुनाव से पहले जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतंत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा का कुनबा भी बढ़ने लगा है.
चुनाव लड़ने वाले इच्छुक नेता लगातार जयराम के साथ आ रहे है. इसी कड़ी में गिरिडीह जिले से भी दो नेता जयराम के साथ आ गए है. जिनमें भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य राजेश यादव और कांग्रेस ओबीसी मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता रहे नवीन आंनद उर्फ नवीन चौरसिया है. राजेश कुछ दिनों पहले ही भाकपा माले से इस्तीफा दिया था.
राजेश यादव कुछ दिन पहले ही जयराम की पार्टी में शामिल हुए है जबकि नवीन चौरसिया आज लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा का दामन थामने वाले है. इस सिलसिले में राजेश यादव ने मीडियाकर्मियों से बातचीत कर कहा कि गांडेय क्षेत्र में वे 20 वर्ष से जनता की अगुवाई की, जनता के लिए संघर्ष किया. कहीं न कहीं इन संघर्षों को छोड़ने की बात चल रही थी, तो इसलिए हमने भाकपा माले को छोड़ना ही बेहतर समझा.
आगे कहा कि हम जनसंघर्ष नहीं छोड़ सकते, जनता को नहीं छोड़ सकते इसलिए भाकपा माले ही छोड़ दिया. पूरे झारखंड में बदलाव की लहर चल रही है और जिस तरह से पिछले 24 साल से यहां के लोगों को ठगा गया, शहीदों के अरमानों को खत्म किया गया, इन्हें ट्रैक पर लाने की जरूरत है. अब झारखंड के नव निर्माण की बात है, जिसकी अगुवाई जयराम महतो कर रहे हैं. इसलिए पूरे झारखंड को जयराम से उम्मीद है.
वहीं नवीन चौरसिया ने कहा कि कांग्रेस में वे चार साल से थे, लेकिन वहां जनता की समस्या के मामले में मैं कुछ कर नहीं पा रहा था. पिछले छह महीने से जयराम महतो की कार्यशैली को देखते रहा और उनकी विचारधारा से प्रभावित होकर उनके साथ चलने का निर्णय लिया.
लेकिन जब नवीन से मीडियाकर्मियों ने पूछा कि विधानसभा चुनाव की टिकट की उम्मीद करते है तो इसपर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि टिकट की उम्मीद सभी करते हैं. हालांकि मैं जयराम के साथ चलने आया हूं. टिकट मिले या नहीं उनके हर आंदोलन में साथ रहूंगा.
आपको बता दें कि इससे पहले पार्टी के अध्यक्ष संजय मेहता के पार्टी छोड़ते ही रामगढ़ की पूर्व विधायक ममता देवी के देवर अमित कुमार महतो ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर जयराम महतो की पार्टी का दामन थामा है. साल 2023 में हुए रामगढ़ उपचुनाव में अमित महतो ने भी चुनाव लड़ने के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी.
लेकिन उस वक्त उनके भाई बजरंग महतो ने विधानसभा प्रत्याशी के लिए अपनी दावेदारी कर रामगढ़ उपचुनाव लड़ा था. खैर चुनाव नजदीक आते ही नेताओं का पाला बदलने का दौर भी शूरू हो जाता है, अब देखना ये होगा कि पाला बदलकर आए नेताओं को जयराम विधानसभा चुनाव में टिकट देते है या नहीं.