बीते जून के महिने में झारखंड में एक नई क्षेत्रीय पार्टी का उदय हुआ जिसका नाम झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति(जेबीकेएसएस) रखा गया. इस पार्टी का केंद्रीय अध्यक्ष यूथ सेंसेशन जयराम महतो बने. पार्टी गठन होने के बाद जयराम छात्र नेता से राजनेता के रुप में सामने आए. झारखंज के युवाओं के बीच जयराम महतो बेहद पॉपुलर हैं , जयराम हमेशा अपने भाषणों से राज्य सरकार पर निशाना साधते रहते हैं जयराम झारखंड में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने की मांग सरकार से लगातार कर रहे हैं.
इसी बीच बीते कल जयराम महतो हजारीबाग के बरकट्ठा पहुंचे. बरकट्टा विधानसभा क्षेत्र में जयराम महतो ने राज्य सरकार पर जमकर भड़ास निकाली. इस दौरान जयराम महतो ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वे अगर सत्ता में आए तो सभी गलत नीतियों को समाप्त कर देंगे. उन्होंने कहा कि पिछले 30 वर्षों में राजनीतिक दलों को जो करना चाहिए था, उन्होंने वह नहीं किया.
बरकट्टा में आयोजित कार्यक्रम में जयराम महतो के अलावा झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति के नेता संजय मेहता, मनोज यादव, कृष्णा यादव, महेंद्र महतो, रवि कुमार आदि मौजूद थे.
जयराम महतो ने बरकट्टा में झारखंड की जनता के सामने यह दावा किया कि अगर हम सत्ता में आयेंगे, तो सबसे पहले 11 मंत्रियों के आवास बनाने में लगे 65 करोड़ रुपये के राजस्व की वसूली करेंगे और उस 65 करेड़ रुपए से राज्यभर के 24 जिलों में अस्पताल निर्माण पर खर्च करेंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रांची के धुर्वा स्थित स्मार्ट सिटी में मुख्यमंत्री समेत झारखंड कैबिनेट के 11 मंत्रियों के लिए बंगले बनाए जा रहे हैं. जुडको के निर्देशन में बन रहे इन 11 बंगलों की लागत लगभग 70 करोड़ रुपए है. ये सभी बंग्ले सभी तरह की अत्याधुनिक सुविधाओ से लैस हैं.
जयराम महतो ने अपने भाषण में इन्हीं बंगलों का जिक्र किया है.
उन्होंने राज्य सरकार को घेरे में लेते हुए कहा कि झारखंड की जनता ने 1932 के प्रावधानों को लागू करने के लिए हेमंत सरकार को चुना. लेकिन उन्होंने इसे लागू नहीं कराया.
जयराम ने अपने संबोधन में झारखंड में हो रही नियुक्तियों के बारे में कहा कि आज की चौथी बड़ी नियुक्ति में दूसरे राज्यों की तुलना में झारखंड के लोगों की नियुक्ति कम हो रही है. सरकार और प्रशासन के साथ मिलकर झारखंडवासियों को बेदखल किया जा रहा है. हमारी बहनें और भाई शिक्षक तक नहीं बन पा रहे हैं.यह सरकार की गलत नीति के कारण हो रहा है.
आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर भी जयराम ने बताया कि झारखंड खतियान संघर्ष समिति अकेले चुनाव लड़ेगी. हम किसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. सबसे पहले लोकसभा की तैयारी हो रही है. बाद में विधानसभा की तैयारी की जायेगी.
जब झारखंड के मुद्दों को लेकर झारखंड के खतियान संघर्ष के सदस्य लोकसभा में जायेंगे तो सवाल उठेंगे. जवाब तो देना ही पड़ेगा.
जयराम महतो ने जून में जेबीकेएसएस पार्टी गठन के बाद अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि शहीदों के अरमानों का झारखंड नहीं बन पाया है. झारखंड के लिए झारखंडियों ने कुर्बानियां दीं. बाहर के लोग यहां राज कर रहे हैं. जिसको अपना समझ कर राजकाज सौंपा, पूरे झारखंड की जनता को निराश कर रहे हैं. संप्रदायवाद, पूंजीवाद के रास्ते झारखंड की जनता को बरगलाया जा रहा है. जब तक 1932 का खतियान लागू नहीं हो जाता, तब तक जेबीकेएसएस चुपचाप नहीं बैठेगी.