Ranchi : क्या बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम यानी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा अब झारखंड में चुनाव लड़ना चाह रही है. क्या पलामू चतरा विधानसभा सीट पर हम पार्टी को उम्मीदवार मिल गया है. क्या हम पार्टी झारखंड में एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़नी की तैयारी कर रही है या फिर अकेले चुनाव लड़ने वाली है.
हिंदुस्तान अवाम मोर्चा रविवार को रांची में कार्यकारिणी की बैठक की. जहां 7 प्रस्तावों को लेकर चर्चा की गई . जिन प्रस्तावों पर चर्चा की गई. वो ये थे. पहला बिहार और अन्य राज्यों में संगठन को विस्तार करना, दूसरा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों का आकलन और बूथ स्तरीय समिति की समीक्षा. तीसरा बिहार के साथ-साथ झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में सदस्यता अभियान की हालिया स्थिति. चौथा मेन स्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया मैनेजमेंट पर चर्चा. पांचवा हम के जनसंपर्क अभियान और सम्मेलनों की रणनीति. छठा जहां निकट भविष्य में चुनाव होने हैं और पार्टी चुनाव लड़ना चाहती है, उन राज्यों के लिए घोषणापत्र तैयार करने पर चर्चा की गई. इसके अलावे केरल की लेबर पार्टी के हम में विलय के प्रस्ताव और आम सहमति बनाने पर चर्चा हुई.
बता दें कि बैठक रांची स्थित होटल चाणक्य बीएनआर में आयोजित की गई थी. जहां हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी, राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार सुमन, बिहार के विधायक प्रफुल मांझी, अनिल कुमार, ज्योति देवी समेत बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.
जीतन राम मांझी की पार्टी झारखँड में संभावनाओं की तलाश में है कि कौन सी सीटों पर चुनाव लड़ा जा सकता है.
मीडिया रिर्पोट्स के मुताबिक जीतराम की पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर उसी के आधार पर उन सीटों से चुनाव लड़ना चाह रही है जो बिहार से सटे हुई है. जैसे पलामू और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल. यहां के विधानसभा सीटों पर पार्टी अपना उम्मीदवार उतार सकती है. क्योंकि इन इलाकों में बिहार से आकर लोग बसे हुए है. और पार्टी इनके वोट को टारगेट करने की जुगत में है.
वहीं पार्टी की संभावनाओं को लेकर हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने कहा कि झारखँड में विधानसभा चुनाव होने है. ऐसे में हमारी पार्टी यहां राजनीतिक जमीन तलाश रही है. बैठक में सभी कार्यकर्ताओं से इसे लेकर पूछा गया कि हमें चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं. हम पार्टी के कार्यकर्ताओं के आकलन पर ही पार्टी चुनाव लड़ने पर आगे विचार करेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान अवाम मोर्चा बिहार में एनडीए के साथ है और केंद्र में भी है. ऐसे में हम झारखंड भाजपा के शीर्ष नेताओं से बात करेंगे.
हमारी पार्टी में जो कुछ होगा उसे तय करेंगे. हम चाहेंगे कि जिस तरह से हम बिहार में है, उसी तरह झारखंड में भी भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़े. संभावना बनी तो ठीक है नहीं तो हम अकेले भी चुनाव लड़ सकते है.
लेकिन सवाल यह भी है कि, अगर हम सेक्युलर झारखंड में विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ती है तो ऐसे में भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती है. क्योंकि हम जिन सीटों पर चुनाव लड़ेगा उन सीटों पर एनडीए का वोट बैंक दो भागो में बंट सकता है. हालांकि ये तो भविष्य के गर्त में ही छिपा हुआ है कि क्या होगा. हालांकि ये तो आने वाले समय में पता चलेगा कि जीतन राम की पार्टी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा एनडीए के साथ लड़ेगी या नहीं. या फिर जदयू की तरह ऐन वक्त में चुनाव लड़ने से पीछे हट जाएगी.