Ranchi : JSSC CGL द्वारा 21 और 22 सितंबर को आयोजित सीजीएल माने स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल में कथित गड़बड़ी की जांच के लिए अब कमेटी का गठन कर दिया गया है. शुक्रवार को जेएसएससी ने आदेश जारी किया है.
वहीं शुक्रवार रात से ही काम शुरू कर दिया गया. इसे लेकर 2 कोचिंग संचालक समेत 6 अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर जांच में सहयोग करने के लिए जेएसएससी कार्यालय बुलाया गया है.
बता दें कि बीते शुक्रवार को जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में हुई गड़बड़ी मामले में राज्यपाल संतोष गंगवार ने शिकायतों के आधार पर सरकार से कहा था कि जेएसएससी की विश्वसनीयता बनी रहनी चाहिए इसलिए जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतों की जांच कराई जाए.
जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन
वहीं राजभव के आदेश के बाद जेएसएससी ने जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई है. इसमें संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी और उप सचिव अरविंद कुमार लाल को शामिल किया गया है. साथ ही कमेटी को जांच पूरी कर सात दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को भी कहा गया है.
आयोग ने इन अभ्यर्थियों को सबूत लेकर बुलाया
बहरहाल, आयोग ने जांच में सहयोग करने के लिए एग्जाम फाइटर कोचिंग के कुणाल प्रताप सिंह, अभ्यर्थी आशीष कुमार, प्रकाश कुमार, रामचंद्र मंडल, विनय कुमार और प्रेमलाल ठाकुर को 30 सितंबर को बुलाया है. इन सभी 6 लोगों को एक पत्र भजी गई है. जिसमें कहा गया है कि आपने 26 सितंबर को जेएसएससी सीजीएल प्रतियोगिता परीक्षा के विषय में शिकायक की है.
सबूत के तौर पर एक सीडी और एक पेन ड्राइव और सीडी की ओरिजिनल कॉपी उपल्बध नहीं करवाई है. साथ ही यह भी कहा गया है कि इस मामले में जांच जल्द से जल्द पूरी करने के लिए जरूरू है कि आज ओरिजिनल पेन ड्राइव और सीडी उपल्बध करवाएं, इसलिए 30 सितंबर को दोपहर तीन बजे आयोग कार्यालय में उपस्थित हो और अपनी स्थिति स्पष्ट करें.
इससे पहले जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतों को आयोग के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने प्रेस कांन्फ्रेस करके खारीज कर दिया था. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा था कि परीक्षा में गड़बड़ी नहीं हुई है, अगर हुई है तो गड़बड़ी के सबूत दें, तो परीक्षा को रद्द कर देंगे. जिसके बाद ही आयोग को साक्ष्य के रूप में एक सीडी, एक पेन ड्राइव और 54 पेज का दस्तावेज सौंपा गया था.
आपको बता दें कि सीजीएल परीक्षा में पेपर लीक, क्वेश्चन रिपीट और बुकलेट वितरण में गड़बड़ी का आरोप अभ्यर्थी लगा रहे हैं और आंदोलन भी कर रहे है.
बहरहाल अब हम आपको बताते है अभ्यर्थियों ने सीजीएल परीक्षा को लेकर जो आरोप लगाए हैं,
- पहला आरोप है. रांची के बेथनी कॉन्वेंट हाई स्कूल मखमंद्रो सेंटर के बाहर एक छात्र ने 22 सितंबर की प्रथम पाली की परीक्षा शुरू होने से पहले किसी अन्य एक छात्र को फोन पर बातचीत कर उत्तर लिखते हुए देखा. तब उस छात्र ने खुद भी अंसार नोट किया. परीक्षा के बाद जब आंसर मिलाया गया तो हूबहू मिल गया. जिस छात्र ने ये देखा वह पूछताछ में सहयोग करने के लिए तैयार है.
- वहीं दूसरा आरोप ये है. धनबाद के कुमार बीएड कॉलेज के एक सेंटर पर कुछ छात्रों ने देखा कि 22 सितंबर की प्रथम पाली की परीक्षा शुरू होने से पहले एक छात्र फोन पर बातचीत कर उत्तर नोट कर रहा था. जब छात्रों ने उसका विरोध किया तो वो भाग गया लेकिन आंसर लिखे हुए पेज को फाड़ कर वहीं पर फेंक दिया जिसका वीडियो छात्रों के पास उपलब्ध है. उस वीडियो में भागने वाले छात्र का चेहरा भी है.
- तरह तीसरा आरोप छात्रों का है कि हिंदू हाई स्कूल हज़ारीबाग रूम नंबर 4 में एक पुलिस ऑफिसर ने एक लड़की को उत्तर बताने गए. यह जानकारी एक लड़की ने वॉइस मेसेज में मध्यम से भेजा है. उस कमरे में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच करा कर इस बात की पुष्टि की जा सकती है.
- चोथा आरोप,प्रोजेक्ट गर्ल हाई स्कूल बेड़ो रांची केंद्र में दिनांक 21 सितंबर को प्रथम पाली में पेपर 3 की जगह पेपर 2 दे दिया गया और आंसर बुकलेट पेपर 3 का दिया गया जो क्वेश्चन से पहले दिया जाता है. फिर एक घंटे का समय बीत जाने के बाद पेपर 3 दिया गया. जिसके कारण आसंर बुकलेट और क्वेश्चन बुकलेट नंबर मैच नहीं कर पाया.
- जबकि पांचवा आरोप है कि 22 सितंबर को आयोजित परीक्षा में मैथ और रीजनिंग के 20 में से 16-16 सवाल 2018 और 2022 के सेंट्रल SSC की परीक्षा से बिल्कुल मेल खाते है. बता दें कि रीजनिंग पेपर के 20 प्रश्नों में से 16 प्रश्न हूबहू वही थे, जो 7 जून 2019 को आयोजित टियर-वन परीक्षा में पूछे गए थे. इसी तरह गणित के पेपर में भी 20 में से 16 प्रश्न वही हैं, जो 8 अगस्त 2022 को टियर-2 परीक्षा में पूछे गए थे.
हालांकि अब देखना होगा कि आयोग द्वारा गठित जांच कमेटी एक हफ्ते में क्या रिपोर्ट सौंपती है.