JSSC-CGL परीक्षा

JSSC-CGL परीक्षा में नहीं हुई थी धांधली! सीआईडी की आरंभिक जांच में क्या पता चला?

|

Share:


JSSC-CGL परीक्षा में धांधली नहीं हुई थी.

21 और 22 सितंबर को झारखंड के विभिन्न जिलों में आयोजित हुई परीक्षा में कहीं भी पेपर लीक के सबूत नहीं मिले हैं. गौरतलब है कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में कथित धांधली के आरोपों की जांच कर रही सीआईडी की एसआईटी को फिलहाल पेपर लीक के साक्ष्य नहीं मिले हैं.

इस मामले में 2 अलग-अलग एफआईआर की जांच की जा रही है.

गौरतलब है कि मामले में सीआईडी ने आम लोगो और परीक्षार्थियों से साक्ष्यों की मांग की थी. 4 दर्जन शिकायतें सीआईडी को मिली थी लेकिन इन प्रारंभिक साक्ष्यों की समीक्षा में अभी पेपर लीक के सबूत नहीं मिले हैं.

सीआईडी आईजी कर रहे हैं जांच की निगरानी
इस जांच की निगरानी सीआईडी आईजी सुदर्शन मंडल द्वारा की जा रही है. डीजीपी अनुराग गुप्ता ने भी हाल ही में केस की समीक्षा की थी. कहा जा रहा है कि कुछ अन्य बिंदुओं पर जांच का आदेश जांच अधिकारी को दिया गया है.

सीआईडी ने रातू थाना में राकेश कुमार द्वारा दर्ज बयान के आधार पर 18 दिसंबर को दर्ज किए गये केस को टेकओवर किया था. इस एफआईआर में जेएसएससी के अधिकारी, अज्ञात सरकारी कर्मचारी और कथित तौर पर परीक्षा माफिया को आरोपी बनाया गया है.

1 जनवरी को सीआईडी ने जांच का जिम्मा लिया था.

अब तक की जांच में सीआईडी ने परीक्षार्थियों से साक्ष्य मांगे. इस संदर्भ में सीआईडी को व्हाट्सएप चैट, मोबाइल से खींची गई कुछ तस्वीर और वीडियो क्लिप मुहैया कराया गया था. कुछ तस्वीरों में मौजूद व्यक्तियों को परीक्षार्थियों ने संदिग्ध परीक्षा माफिया बताया था.

हालांकि, सीआईडी को जांच में अब तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है जिससे परीक्षा के पूर्व या इसके दौरान पेपर लीक के आरोप साबित हो.

व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा धांधली के साक्ष्य नहीं
अधिकारियों का कहना है कि किसी भी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह द्वारा पेपर लीक के सबूत नहीं मिले हैं.

हालांकि, इस बीच परीक्षार्थियों ने आधा दर्जन मोबाइल फोन भी सीआईडी को दिया है जिसकी एफएसएल जांच की जायेगी. गौरतलब है कि मामले में योग ने भी एफआईआर दर्ज कराई थी. इस प्राथमिकी के मुताबिक जेएसएससी द्वारा आरोप लगाया गया था कि कुछ लोग जानबूकर परीक्षा पर सवाल खड़ा करते हैं.

आयोग ने 21 और 22 सिंतबर 2024 को ली गयी परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों को साजिश बताया था.

8 साल के इंतजार के बाद हुआ था सीजीएल का आयोजन
गौरतलब है कि विज्ञापन जारी किए जाने के 8 साल बाद जनवरी 2024 में सीजीएल की परीक्षा ली गयी थी. 28 जनवरी 2024 को परीक्षा के तुरंत बाद पेपर लीक के आरोप लगे. आरंभिक जांच में इसे सही भी पाया गया.

आयोग ने 4 फरवरी को होने वाली परीक्षा रद्द कर दी. सरकार ने एसआईटी गठित की.

हाल ही में इसकी रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आये. दूसरी बार सितंबर 2024 में भी परीक्षा ली गयी और इसमें भी धांधली के आरोप लगे. मामला कोर्ट में लंबित था और इसी बीच 4 दिसंबर 2024 को रिजल्ट जारी किया गया.

रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाकर 12 दिसंबर 2024 को परीक्षार्थियों ने हजारीबाग में प्रदर्शन किया.

15 दिसंबर को रांची के नामकोम स्थित आयोग के दफ्तर के बाहर भी प्रदर्शन हुआ. इस दौरान पुलिस ने लाठियां भांजी. मामले में सीआईडी को जांच का जिम्मा सौंपा गया था. हालांकि, जांच टीम को अभी तक पेपर लीक के साक्ष्य नहीं मिले हैं.

 

Tags:

Latest Updates