भारतीय महिला हॉकी टीम का स्टार खिलाड़ियों में शुमार वंदना कटारिया ने संन्यास की घोषणा कर दी.
एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए वंदना कटारिया ने अपने 15 साल लंबे करियर को विराम देने का फैसला किया. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 320 मुकाबले, वंदना कटारिया की महानता बयान करते हैं.
वंदना कटारिया ने इन मैचों में भारतीय टीम के लिए 158 गोल किए.
वंदना कटारिया ओलंपिक गेम्स में हैट्रिक गोल दागने वाली पहली भारतीय महिला हैं. टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यह कीर्तिमान बनाया था.
अर्जुन अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित वंदना कटारिया उत्तराखंड के हरिद्वार की रहने वाली हैं.
अक्टूबर 2023 में रांची के जयपाल सिंह मुंडा एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में 300वां मैच खेलने वाली वंदना कटारिया ये उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं.
उन्होंने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान ये उपलब्धि हासिल की थी.
View this post on Instagram
वंदना कटारिया के नाम दर्ज हैं दर्जनों उपलब्धियां
उत्तराखंड के हरिद्वार में जन्मीं वंदना कटारिया ने गांव के छोटे से खेल के मैदान से लेकर ओलंपिक गेम्स जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंच तक में कई कीर्तिमान गढ़े.
वंदना कटारिया 320 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाली इकलौती भारतीय खिलाड़ी हैं.
उन्होंने 158 गोल दागे हैं जो किसी भी भारतीय महिला खिलाड़ी का रिकॉर्ड है. उन्होंने 2020 में टोक्यो ओलंपिक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हैट्रिक गोल दागने का रिकॉर्ड कायम किया.
वंदना कटारिया रियो (2016) और टोक्यो (2020) ओलंपिक गेम्स में भारतीय टीम का हिस्सा रहीं.
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम चौथे नंबर पर रही थी. ये महिला हॉकी के इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. इसमें वंदना कटारिया की अहम भूमिका रही.
ओलंपिक गेम्स में हैट्रिक गोल दागने वाली एकमात्र खिलाड़ी
वंदना कटारिया 2014 एशियाई खेलों में कांस्य, 2018 में रजत और 2023 में फिर कांस्य पदक जीतने वाली टीम का अहम हिस्सा रहीं.
2016 एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया ने स्वर्ण पदक जीता, तब वंदना कटारिया की कप्तान थीं.
2018 में जब इस प्रतियोगिता में टीम ने सिल्वर मेडल जीता तो वंदना को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया.
2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में टीम इंडिया ने कांस्य पदक जीता. वंदना इसका हिस्सा थीं.
वर्ष 2021 में वंदना कटारिया को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. 2022 में उनको पद्मश्री मिला.