कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देते हुए बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के मारे गये लोगों और उनके परिजनों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से 6-7 मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया. ये ठिकाने पिछले 3 दशक से आतंकवादियों का पालन-पोषण कर रहे थे.
यहां आतंकियों के लॉन्च पैड, ट्रेनिंग सेंटर और रहने का ठिकाना मौजूद था.
कर्नल सौफिया कुरेशी ने बताया कि इंडियन आर्मी ने पाकिस्तान में 3 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया जिनमें एक जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय भी है. इंडियन आर्मी ने 6-7 मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान के बहावलपुर में मरकज शुभान अल्लाह में जैश ए मोहम्मद, मुरीदके के लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने मरकज तैयबा और तेहरा कलां में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने सरजल में हमला किया और इन्हें ध्वस्त कर दिया.
इसके अलावा पाक अधिकृत कश्मीर में 6 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया.
पीओके में सियालकोट स्थित हिजबुल मुजाहिदीन के ट्रेनिंग कैंप महमूना जोया, बरनाला में लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना मरकज अहले हदीस, कोटली स्थित जैश-ए-मोहम्मद का ठिकाना मरकज अब्बास, कोटली में हिजबुल मुजाहिदीन के ट्रेनिंग कैंप मस्कर राहील शाहिद, मुजफ्फराबाद में लश्कर-ए-तैयबा के शवाई नाला कैंप और मुजफ्फराबाद में जैश-ए-मोहम्मद के सैयदना बिलाल कैंप को निशाना बनाया.
पहलगाम के जरिये सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में 1 नेपाली नागरिक सहित कुल 26 लोगों की हत्या कर दी थी.
आतंकियों ने धर्म पूछकर केवल हिंदू पुरुषों को मारा. महिलाओं को ये कहकर छोड़ दिया गया कि जाकर मोदी को बोल दो.
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने आज बताया कि पहलगाम हमले का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में बहाल शांति को भंग करना और पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना था. आतंकी, भारत में सांप्रदायिक दंगे भी भड़काना चाहते थे. विदेश सचिव ने कहा कि जांच में हमले के पीछे पाकिस्तान और पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की संलिप्तता सामने आई थी.
पाकिस्तान इनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय आरोप लगाता रहा. भारत ने पहलगाम के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कार्रवाई की.