झारखंड सरकार यह कानून लाई थी कि निजी क्षेत्र में 75 फीसदी नौकरियां स्थानीय को मिलेगी लेकिन, जो आंकड़े सामने आये हैं वह हैरान करने वाले हैं. आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में काम कर रही निजी कंपनियों में 53,389 लोग ही स्थानीय हैं.
बाकी 1,39,029 लोग बाहरी हैं.
झारखंड के निजी कंपनियों, प्रतिष्ठानों व संस्थाओं में 2,46,418 लोग कार्यरत हैं. यहां कुल 7,413 नियोक्ता हैं. झारखंड के श्रम विभाग का आंकड़ा बताता है कि 11,31,593 लोगों ने नौकरी के लिए निबंधन कराया है.
श्रम विभाग का आंकड़ा क्या कहता है!
स्कील डेवलपमेंट मिशन के तहत कुल 79 लाख 160 लोगों ने निबंधन कराया है. इनमें 5 लाख 71 हजार 142 लोग इनरोल्ड हुये. इनमें भी 4,88,790 लोगों को ट्रेनिंग मिली. 3,53,998 लोगों को सर्टिफिके मिला.
2,14,692 लोगों को नौकरी ऑफर की गयी.
हेमंत सरकार ने बनाया था कानून
गौरतलब है कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों में स्थानीय को 100 फीसदी आरक्षण के साथ निजी क्षेत्र में 75 फीसदी नौकरी स्थानीय के लिए आरक्षित करने की बात करती रही है लेकिन हाल ही में हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका में इसे संविधान की मूल भावना के विपरित बताया गया था.
कहा गया कि यह संविधान के अनुच्छेद -16 जिसमें लिखा गया है कि नियोजन के मामले में भारत के किसी भी नागरिक के साथ जाति, धर्म, समुदाय अथवा क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं किया जायेगा का उल्लंघन करता है.
तब हाईकोर्ट ने सरकार के इस कानून पर स्टे लगा दिया था.