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झारखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर हाईकोर्ट नाराज, JSSC को दी ये सख्त हिदायत

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झारखंड के सरकारी स्कूलों में कमी को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है.

हाईकोर्ट ने झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग यानी जेएसएससी से पूछा कि सहायक अध्यापक के 26001 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया कितनी जल्दी शुरू होगी. जेएसएससी को ये भी बताना होगा कि नियुक्ति कब पूरी हो जायेगी.

दरअसल, पिछले साल इस मामले में एक पीआईएल दाखिल की गई थी. इसमें झारखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी की ओर कोर्ट का ध्यान दिलाया गया था. शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक झारखंड के सभी प्रमुख राज्यों में शिक्षकों की सबसे ज्यादा कमी है.

हालिया संपन्न विधानसभा के बजट सत्र में खुद स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने यह कबूल किया था कि प्रदेश के 7,000 से ज्यादा स्कूलों में केवल 1 शिक्षक तैनात हैं.

गौरतलब है कि प्राइमरी स्कूल में 11000 तो वहीं माध्यमिक स्कूलों में 15001 सहायक अध्यापक की नियुक्ति होने वाली है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित हुआ रिजल्ट
गौरतलब है कि जून 2023 में झारखंड के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के 26001 पद पर बहाली के लिए प्रक्रिया की शुरुआत की गई थी. अब मार्च 2025 खत्म हो चुका है लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की बहाली नहीं हो पाई है.

दरअसल, जब विज्ञापन निकला तो इसमें झारखंड से टेट पास अभ्यर्थियों को ही आवेदन करने के लिए पात्र माना गया था. तब सीटेट पास अभ्यर्थियों ने तर्क दिया कि चूंकि 2016 के बाद से राज्य में टेट की परीक्षा आयोजित नहीं की गयी है इसलिए उनको भी मौका दिया जाये. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि यदि किसी राज्य में लगातार 2 साल टेट की परीक्षा नहीं होती है तो शिक्षक बहाली प्रक्रिया में सीटेट पास अभ्यर्थियों को मौका देना होगा.

सरकार ने उनकी तर्कों को मानकर सीटेट को भी परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी.

हालांकि, इस फैसले के खिलाफ राज्य के टेट पास अभ्यर्थियों ने पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया. टेट पास अभ्यर्थियों ने तर्क दिया कि विज्ञापन जारी करते समय सीटेट की पात्रता नहीं थी. इसे बाद में शामिल किया गया जो विधिसम्मत नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने ये तर्क मानकर सीटेट की मान्यता रद्द कर दी. ऐसे में 80,000 से ज्यादा अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती की दौड़ से बाहर हो गये. अब नये सिरे से परिणाम जारी होंगे.

सीएम ने पहली जनवरी से पहले रिजल्ट का वादा किया था
जेएसएससी ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि सीटेट बनाम जेटेट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहायक अध्यापक बहाली प्रक्रिया प्रभावित होगी.

गौरतलब है कि प्राइमरी स्कूल में 11,000 तो वहीं माध्यमिक स्कूलों में 15001 टीचर की भर्ती होने वाली थी. लिखित परीक्षा हो चुकी है. परिणाम का इतंजार है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर 2024 को कहा था कि पहली जनवरी से पहले जेपीएससी और जेएसएससी के मातहत लंबित नियुक्ति प्रक्रियाएं पूरी कर ली जायेगी.

 

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