झारखंडी युवाओं को रोजगार देने के लिए सीएम हेमंत बड़ा प्लान लाये हैं. हेमंत सोरेन की सरकार सत्ता में आते ही एक्शन मोड में आ गई है. हेमंत सोरेन राज्य के युवाओं को प्राथमिकता में रखते हुए युवाओं को बड़ा तोहफा देने जा रही है. अब हेमंत सोरेन युवाओं के लिए ऐसा क्या लेकर आ रही है.
सरकार ने तैयारी कर ली है रोडमैप
दरअसल, झारखंड में जल्द ही बंपर नियुक्तियां निलकने वाली है. हेमंत सोरेन सरकार की प्राथमिकता सूची में नौकरी पहले नंबर पर हैं. इतना ही नहीं! कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने तो इसके लिए रोडमैप भी तैयार कर लिया है. उम्मीद जताई जा रही है कि 1 महीने के भीतर करीब 3000 पदों पर नियुक्ति प्रक्रियां शुरू हो जाएगी.
अब सवाल है कि कौन कौन से पदों पर सरकार नियुक्ति लेकर आने वाली है. लंबित पड़े पदों के लिए क्या कुछ सरकार ने तैयारी कर रखी है. बहरहाल, हेमंत सरकार इसी महीने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का विज्ञापन निकालने की तैयारी में है.
इनमें से दरोगा व सार्जेंट के 400, इंटरमीडिएट स्तर के 500, टेक्निकल ग्रेजुएट के 400 और ग्रेजुएट स्तर के करीब 1000 पदों के लिए अगले महीने विज्ञापन निकलने वाली है. ये तो हो गई आने वाले विज्ञापनों की बात.
अब बात करते हैं वैसी नियुक्तियों के बारे में जो लंबित है. इसमें आचार्य और सहायक आचार्य के 26001 पदों के नियुक्तियां शामिल है. इसकी नियुक्ति के लिए परीक्षा हो चुकी है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसके रिजल्ट पर रोक लगाई है. यह रोक हटते ही रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा.
इसके अलावा जेपीएससी व जेएसएससी में करीब 10 हजार पदों के लिए एक दर्जन परीक्षाएं लंबित है इनमें पुलिस सिपाही के 4900 पदों पर नियुक्ति परीक्षा होने की उम्मीद है इसके लिए करीब 16 लाख आवेदन आया है.
जबकि उत्पाद सिपाही के 583 पदों के लिए दुबारा से बहाली शुरू होगी. जेपीएससी और जेएसएससी साल 2025 में होने वाले परीक्षाओं का कैलेंडर भी इसी महीने जारी कर सकता है. हालांकि वर्तमान समय में जेपीएससी और जेएसएससी से 39 हजार पदों के लिए परीक्षा और रिजल्ट का इंतजार है.
इतने विभागों में खाली पड़े है पद
यह भी जान लीजिए की विभिन्न सरकारी विभागों में कितने पद खाली हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कुल 5.25 लाख पद स्वीकृत है. इनमें से 2 लाख 87 हजार से ज्यादा लाखपद खाली हैं, गृह विभाग में सबसे ज्यादा पद खाली हैं तो शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में पद खाली हैं.
बता दें कि राज्य में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बन गई है. इसका सीधा असर सरकारी कामकाज पर पड़ रहा है.. न तो ठीक ढंग से राजस्व वसूली हो रही है और न ही विकास कार्य हो रहे हैं.
वहीं राजनीतिक पंडितों का मानना है कि नियुक्तियां समय पर न होने से राज्य में एक बड़ी कतार में बेरोजगारों की फौज तैयार हो रही है, इससे परीक्षा की तैयारी करने वालों अभ्यर्थियों की उम्र भी निकली जा रही है.
राजस्व वसूली लक्ष्य के अनुरूप नहीं हो पा रही है इससे विकास प्रभावित हो रहे हैं. इतना ही नहीं कर्मचारी नहीं होने से काम प्रभावित है. बजट की राशि खर्च नहीं हो पा रही हैं. इसके अलावा चालू वित्तीय वर्ष के 8 महीने बीतने को हो गए हैं लेकिन योजना एवं विकास की 40 फीसदी राशि ही खर्च हुई है इसका सबसे बड़ा कारण मैनपावर की कमी है.
खैर ! अब देखना होगा कि हेमंत की नई सरकार जिस तरह से युवाओं को प्राथमिकता देते हुए नियुक्तियां लाने की बात कह रही है क्या वाक्य में ये सारी नियुक्तियों पर बिना कोई बाधा आए पूरा कर लिए जाएंगे ये सवाल इस लिए उठने लाजमी है क्योंकि अब तक जितनी भी नियुक्तियां आई हैं वे सभी विवादों में घिरी ही रही है.