अग्निवीर के आश्रित को नौकरी मिलेगी. बुधवार को कैबिनेट की बैठक में हेमंत सोरेन सरकार ने यह फैसला लिया. कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने इसकी जानकारी दी.
वंदना डाडेल ने बताया कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार शहीद होने वाले अग्निवीर के आश्रित को न केवल नौकरी देगी बल्कि आर्थिक सहायता भी देगी. इस योजना में आश्रित को पारिभाषित भी किया गया है.
सरकार ने फैसला किया है कि शहीद अग्निवीर की पत्नी, पुत्र और दत्तक पुत्र को सरकारी नौकरी मिलेगी.
अग्निवीर योजना क्या है
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा सेना भर्ती की नई स्कीम अग्निपथ योजना का विपक्षी पार्टियों द्वारा विरोध किया जाता है. विपक्षी पार्टियां आरोप लगाती है कि ये स्कीम सेना को कमजोर कर देगी. अग्निपथ योजना से सेना भर्ती की तैयारी कर रहे लाखों युवा भी निराश हैं क्योंकि इसमें महज 4 साल की ही सेवा होती है.
प्रति 4 साल में 75 फीसदी अग्निवीरों को सेवा मुक्त किए जाने का प्रावधान है. केवल 25 फीसदी ही स्थायी कमीशन में होंगे. हालांकि, केंद्र सरकार हाल ही में कानून लाई है कि सेवामुक्त किए गये अग्निवीरों को अर्धसैनिक बल की भर्ती मसलन सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और सीमा सुरक्षा बल में आरक्षण दिया जायेगा.
अग्निवीर योजना का विरोध क्यों
केंद्र सरकार का तर्क है कि अग्निपथ योजना से सेना हमेशा युवा बनी रहेगी. उर्जा होगी. साथ ही इससे रक्षा व्यय भी कम होगा क्योंकि अभी सेना में वेतन और पेंशन सहित अन्य भत्ता देने में ही रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा खर्च हो जाता है.
गौरतलब है कि जब यह स्कीम लॉन्च की गई थी तो देशभर में खूब विरोध हुआ था. हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे. हालांकि, अभी सेना में इसी स्कीम से भर्तियां होगी.