झारखंड सरकार ने सूबे के सरकारी कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से संबंधित गाइडलाइन जारी किया है. कार्मिक विभाग ने इस आशय का पत्र जारी किया है.
सरकारी कर्मचारियों के लिए झारखंड सरकारी सेवक आचार नियमावली के नियम 3(1), 6 और 10 के तहत यह गाइडलाइन जारी किया गया है. इसमें स्पष्ट निर्देश दिया है कि सरकारी कर्मचारी किस सीमा तक सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं.
इसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि सरकारी कर्मचारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसा कोई पोस्ट न तो शेयर करेंगे और न ही लिखेंगे जिससे कि सरकार की छवि धूमिल होती है अथवा जो राजनैतिक पक्षपात या फिर सांप्रदायिक द्वेष से भरा हो.
इसमें अलग-अलग 6 बिंदुओं पर दिशा-निर्देश जारी किया गया है.
हाईलेवल कमिटी की अनुशंसा पर गाइडलाइन जारी
कार्मिक विभाग ने जानकारी दी है कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए गाइडलाइन जारी करने से पहले एक हाईलेवल कमिटी का गठन किया गया था.
समिति द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर ही गाइडलाइन जारी किया गया है. ॉ
इसमें पेशेवर आचरण, नैतिक मानक, पद के दुरुपयोग, गोपनीयता, राजनीतिक क्रियाकलाप और सरकारी एवं व्यक्तिगत खाता के कुल 6 बिंदुओं पर गाइडलाइन जारी किया गया है.
6 बिंदुओं पर सरकार ने जारी किया है गाइडलाइन
सरकार द्वारा पेशेवर आचरण के तहत जारी गाइडलाइन के मुताबिक सरकारी कर्मचारी सोशल मीडिया पर अपना विचार साझा करते हुए इस बात का ध्यान रखेंगे कि वह सरकारी सेवक आचार नियमावली से शासित हैं.
विचार साझा करते समय शीलनिष्ठा से समझौता नहीं करेंगे.
सोशल मीडिया में उचित मर्यादा का पालन करेंगे. ऐसे पोस्ट साझा करने से बचेंगे जो आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण या राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण हो. किसी भी तरह के राजनीतिक, धर्मनिरपेक्षता विरोधी या सांप्रदायिक गतिविधियों को समर्थन नहीं करेंगे.
यूट्यूब पर ऐसे चैनल को सब्सक्राइब कर उसे ट्विटर, फेसबुक पोस्ट अथवा ब्लॉग पर शेयर नहीं करेंगे.
सरकारी कर्मचारियों की व्यक्तिगत राय उनके सहकर्मियों को परेशान न करे.
उसके कर्तव्यों में हस्तक्षेप न करे. सरकारी पक्ष का प्रतिनिधित्व न करता हो.
सरकार कर्मचारी सोशल मीडिया पर सरकार की किसी नीति, नियम या कार्रवाई की न तो आलोचना कर सकते हैं और ना ही किसी ऐसी चर्चा में शामिल हो सकते हैं. दफ्तर में काम के समय पर्सनल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं करेंगे.
सरकारी कर्मचारियों के लिए क्या-क्या करना मना है!
सरकारी कर्मचारी सोशल मीडिया में किसी आपराधिक, अनैतिक अथवा अपमानजनक कृत्य में सम्मिलित नहीं हो सकते.
अपने सहकर्मियों के बारे में अभद्र, अश्लील या धमकी भरा पोस्ट शेयर नहीं करेंगे. सोशल मीडिया में चल रही किसी उन्मादी गतिविधि में शामिल होने की सख्त मनाही होगी. ऐसा कोई पोस्ट जो जाति, धर्म, वर्ग, संप्रदाय, लिंग, व्यवसाय, क्षेत्र अथवा राज्य के बारे में भेदभावपूर्ण हो, उसका समर्थन नहीं करेंगे.
सरकारी कर्मचारी सोशल मीडिया में किसी उत्पाद अथवा उद्दम का समर्थन नहीं कर सकते. किसी संबंधी अथवा दोस्त को अपने सोशल मीडिया का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए नहीं करने देंगे.
कोई ऐसी सूचना अथवा विज्ञापन जो लोगों को भ्रमित कर सकती है.
ठगी कर सकती है उसे शेयर नहीं करेंगे. कार्यस्थल से संबंधित शिकायतों को वीडियो अथवा फोटो के फॉर्म में सोशल मीडिया पर शेयर नहीं करेंगे. यदि कोई शिकायत है तो वरीय पदाधिकारियों को बताएंगे.
विभाग की गोपनीय और संवेदनशील जानकारी को सोशल मीडिया पर शेयर करना सख्त मना है. राष्ट्रीय सुरक्षा या सरकार के हितों से जुड़ी जानकारी को सोशल मीडिया पर नहीं डालेंगे.
सरकारी कर्मचारी किसी पोस्ट, वीडियो अथवा तस्वीर से किसी सियासी दल को सपोर्ट नहीं कर सकते. किसी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते. किसी राजनीतिक विचारधारा का खुला समर्थन नहीं कर सकते.
ट्रोलिंग जैसी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे. सरकारी कर्मचारी अपने अकाउंट का इस्तेमाल सरकार के समर्थन अथवा विरोध के लिए नहीं कर सकते. प्रोफाइल पिक्चर में किसी संगठन अथवा राजनीतिक दल को समर्थन करने वाला प्रतीक चिन्ह नहीं लगाएंगे.
पर्सनल अकाउंट से सरकारी जानकारी साझा नहीं करेंगे
पर्सनल और प्रोफेशनल सोशल मीडिया अकाउंट अलग-अलग रखना होगा.
सरकारी अकाउंट का इस्तेमाल केवल सरकार की नीतियों, घोषणाओं और सार्वजनिक सूचना को साझा करने के लिए इस्तेमाल किया जायेगा. व्यक्तिगत अकाउंट में विभागीय सूचना नहीं डालेंगे.
सरकारी अकाउंट का इस्तेमाल करते हुए अपनी पहचान और भूमिका को लेकर पारदर्शी रहना होगा.
निविदा, नियुक्ति या चयन प्रक्रिया से संबंधित जानकारी व्यक्तिगत अकाउंट से साझा नहीं करेंगे. कर्मियों का मोबाइल नंबर, पदनाम या कार्यक्षेत्र संबंधित जानकारी भी नहीं डालेंगे.
विभागीय आदेश, अधिसूचना, संकल्प भी व्यक्तिगत अकाउंट से साझा नहीं करेंगे.
सोशल नेटवर्किंग साइट पर निजी अकाउंट बनाने के लिए सरकारी अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करेंगे. वहां निजी तस्वीर भी नहीं डाल सकते. यदि कोई सरकारी सेवक सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर आर्थिक लाभ प्राप्त करता है तो इसकी सूचना नियुक्ति प्राधिकार को देना होगा.
हाईकोर्ट की अवमानना हो, ऐसा कोई पोस्ट नहीं डालेंगे. यदि किसी सरकारी कर्मचारी को किसी कोचिंग, लेक्चर, वेबीनार या किसी कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है तो वरीय पदाधिकारी से इसकी इजाजत लेनी होगी.
सोशल मीडिया पर किसी ऑनलाइन वोटिंग में हिस्सा लेने की इजाजत नहीं होगी.