झारखंड प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारी, जय कुमार राम, मेरी मड़की और अनिल कुमार सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी.
राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने काम में लापरवाही बरतने, मनरेगा योजना में गड़बड़ी और ऑफिस से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने की वजह से इन अधिकारियों पर कार्रवाई करने का फैसला किया है.
कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग ने इस आशय का पत्र भी जारी किया है.
कार्मिक विभाग ने इस संबंध में जांच का जिम्मा तीन सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों को जिम्मा सौंपा है. यह भी समझना जरूरी है कि तीनों अधिकारियों पर आरोप क्या हैं?
अड़की बीडीओ मेरी मड़की पर क्या आरोप हैं!
कार्मिक विभाग द्वारा जारी संकल्प के मुताबिक खूंटी जिला के अड़की प्रखंड की प्रखंड विकास पदाधिकारी मेरी मड़की पर आरोप है कि उन्होंने मनरेगा योजना अंतर्गत मिट्टी मोरम पथ निर्माण योजना में अनियमितता बरती. बिना काम किए ही राशि का भुगतान किया. फर्जी मास्टर रोल तैयार किया. अभिलेखों को सही तरीके से नहीं रखा और न ही सही ढंग से योजनाओं का पर्यवेक्षण किया.
ग्रामीण विकास विभाग ने इनके खिलाफ 26 जुलाई 2016 को ही चार्जशीट तैयार कर कार्रवाई की अनुशंसा कर दी थी.इस मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त आईएएस गणेश कुमार को नियुक्त किया गया है.
जय कुमार राम पर वित्तीय अनियमितता के आरोप!
साहिबगंज के पूर्व कार्यपालक अधिकारी सह जिला नजारत उप समाहर्ता के पद पर रहे जय कुमार राम पर कोरोना महामारी के दौरान बिना सक्षम प्राधिकार की अनुमति के दवा एजेंसियों को आपूर्ति करने का आदेश देने और वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा है.
साहिबगंज के तात्कालीन डीसी ने 12 दिसंबर 2023 को चार्जशीट दायर किया था.
मामले की जांच का जिम्मा रिटायर आईएएस कमल जॉन लकड़ा को नियुक्त किया गया है. जय कुमार राम को स्पष्टीकरण देने के लिए 15 दिन का वक्त दिया गया है.
अधिकारी अनिल कुमार सिंह पर अनुपस्थिति का आरोप
वहीं कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग में अवर सचिव रहे अनिल कुमार सिंह पर बिना बताए दफ्तर से गायब रहने का आरोप है. 26 जुलाई 2024 को विभाग ने चार्जशीट दायर किया था.
विभागीय जांच के लिए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी गणेश कुमार को नियुक्त किया गया है. अनिल कुमार को जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है.