बिहार से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जिससे एक बार फिर शिक्षा विभाग का मजाक उड़ने लगा है. दरअसल, यहां मरने के बाद भी एक शिक्षक नौकरी कर रहा है. यह मामला अररिया का है.
ये मामला तब उजागर हुआ जब अररिया डीपीओ स्थापना की ओर से 1024 शिक्षकों से सप्ष्टीकरण मांगा गया है.
https://x.com/Educatio_Bihar/status/1880860198283444475
स्पष्टीकरण की कॉपी को सोशल मीडिया एक्स पर भी डाला गया है. Education Bihar में आदेश कॉपी को जारी करते हुए लिखा गया कि deo अररिया जिसमें दो मृत समेत 1024 शिक्षकों की अनुपस्थिति पर स्पष्टीकरण, ठीक ही मृत्य शिक्षकों की सूची उनके पास नहीं गई लेकिन इतनी जल्दबी ,आगे लिखा साहब वेतन और ट्रांसफर पर इतनी जल्द बाजी क्यों नहीं दिखाते.
इतने शिक्षकों की हो चुकी है मौत
वहीं शिक्षक संघ का कहना है कि शिक्षा विभाग की ओर से जारी लिस्ट में 11 शिक्षकों में परमानंद ऋषिदेव, मंजूर आलम, नसीम अख्तर, विश्वबंधु ठाकुर, अफसाना खातून, मो. कासिम, सादिक अनवर, बीबी नहार, अंतेश कुमार सिंह, देवानंद मंडल, मनोज कुमार पटवे शामिल हैं.
बताया जा रहा है कि इन सभी का निधन 2024 में हो चुका है. इसके बावजूद शिक्षा विभाग उम्मीद करता है कि ये सभी स्कूल में समय से उपस्थित हो.
ई- शिक्षा कोष पोर्टल मे शिक्षकों को पाया अनुपस्थित
बता दें कि इन सभी शिक्षकों को ई- शिक्षा कोष पोर्टल पर अनुपस्थित पाया गया इसलिए डीपीओ स्थापना रवि रंजन ने अपने पत्रांक 184/ 18-01-2025 के द्वारा स्पष्टीकरण मांगा है.
DPO ने विद्यालय के प्रधान व BEO को ठहराया दोषी
अब इन शिक्षकों से अनुपस्थित रहने का कारण पूछा गया है. इस मामले में डीपीओ ने विद्यालय के प्रधान व बीईओ दोषी ठहराया है. कहा कि उन्हें समय से प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया गया.