झारखंड में विधानसभा चुनाव होने में बस अब कुछ ही समय बचा है.जहां चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल अपने संगठन को मजबूत करने में लगे हैं वहीं झारखंड में कांग्रेस संगठन में दरार पड़ती नजर आ रही है. चुनाव से पहले कांग्रेस संगठन में लगातार फूट की खबरें सामने आ रही है. बीते कल ही कांग्रेस की बैठक में कार्यकर्ता आला नेताओं के सामने ही लड़ पड़े और और पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े करने लगे. इतना ही नहीं इस बैठक में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे कांग्रेस केंद्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल भी कार्यकर्ताओं से नाराज होकर चले गए. केसी वेणुगोपाल झारखंड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए पहुंचे थे. वेणुगोपाल बैठक से तो निकले ही इसके साथ ही उन्होंने पूर्व निर्धारित प्रेस कांफ्रेंस के कार्यक्रम को भी छोड़ दिया। उन्होंने निकलने के क्रम में मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों से बात भी नहीं की।
क्या है पूरा मामला ?
लेकिन ऐसा हुआ क्या जो वेणुगोपाल को इतना गुस्सा आ गया.
दरअसल, कांग्रेस पार्टी की ओर से संवाद कार्यक्रम आयोजित की गई थी जिसमें कई जिलों से प्रमुख नेता भी पहुंचे.सभा को संबोधित करने केसी वेणुगोपाल पहुंचे थे.लेकिन उनके संबोधन के पहले ही हंगामा हो गया.
ये हंगामा उस वक्त हुआ जब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर सभा को संबोधित कर रहे थे। ठाकुर ने जैसे ही कहा कि राहुल गांधी के निर्देश पर पार्टी काम कर रही है और जिसकी जितनी भागीदारी होगी, उसकी उतनी हिस्सेदारी सु्निश्चित होगी।
चंचल चटर्जी ने लगाए आरोप
इसके बाद ही कांग्रेस के कई नेता मंच पर बैठे वेणुगोपाल के सामने आ गए। इन नेताओं की अगुवाई पूर्व कार्यसमिति सदस्य चंचल चटर्जी ने की। चंचल चटर्जी ने कांग्रेस के नेतत्व पर ही बड़ा आरोप लगा. चंचल चटर्जी ने आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड में 22 प्रतिशत आबादी बंगालियों की है। इसके बावजूद किसी बंगाली को टिकट तो दूर की बात है, किसी को प्रदेश कार्यसमिति में जगह भी नहीं दी गई है।
पैसे लेकर टिकट देने का लगा आरोप
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुनील सिंह आदि कई नेताओं ने इस भीड़ का हिस्सा बनकर हंगामे को और बढ़ाया। हंगामे को तूल देते हुए कांग्रेस नेता निरंजन पासवान ने भी कहा कि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी की ओर से कहा गया है कि तुम्हारे पास पैसा नहीं है, टिकट कैसे मिलेगा। निरंजन कांके विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे थे। इतना कहते ही हंगामा और बढ़ गया। सुनील सिंह के बाद जगदीश साहू एवं अन्य कई नेता मंच के सामने आ गए और अपनी-अपनी बातें बोलने लगे। इसके बाद किसी तरह से लोगों को समझाया गया और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केसी वेणुगापाल का संबोधन शुरू हो सका.
कांग्रेस के कार्यक्रम में ये कोई पहली बार नहीं है जब कार्यकर्ता आपस में लड़ने लगे.इससे पहले भी कई बार कांग्रेस के कार्यकर्ता आपस में बड़े नेताओं के बीच झगड़ते दिखे. चुनाव से पहले कांग्रेस संगठन में फूट का चुनाव में कितना असर पड़ता है ये तो नतीजों के बाद ही पता चलेगा.