राज्यसभा चुनाव 2010 में हुए नोट के बदले वोट के मामले में झारखंड कांग्रेस के नेता और प्रदेश महामंत्री मदन मोहन शर्मा को CBI की विशेष अदालत ने समन भेजा है।
बतौर गवाह हाजिर होना है
मदन मोहन शर्मा को सोमवार को सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा के सामने बतौर गवाह हाजिर होना है। वहां उन्हें इस केस से जुड़े सबूत भी उपलब्ध कराने होंगे। इस कांग्रेस नेता से वर्ष 2010 में हुए राज्यसभा चुनाव में नोट के बदले वोट मामले में कई तथ्यों पर पूछताछ होगी।
समन को इग्नोर करने या हाजिर होने से इनकार करने पर वारंट जारी करने की चेतावनी दी गई है। कोर्ट ने इस संबंध में पत्र जारी कर दिया था।
कांग्रेस और झामुमो के कई नेताओं से पूछताछ हो चुकी है
इस मामले में पहले भी कांग्रेस और झामुमो के कई नेताओं से पूछताछ हो चुकी है। राज्यसभा चुनाव में उद्योगपति केडी सिंह झामुमो के समर्थन के बाद चुनाव में खड़े हुए थे।
2013 में पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था
सीबीआई ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2013 में पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। मामले में तत्कालीन कांग्रेस और झामुमो के कई विधायकों से पूछताछ हुई थी।
तत्कालीन महगामा के विधायक राजेश रंजन और बड़कागांव के विधायक योगेंद्र साव से सीबीआइ ने पूछताछ की थी। साल 2010 के राज्यसभा चुनाव में विधायक वोट के लिए पैसे तक की डिमांड करते हुए कैमरे में कैद हुए थे।
विधायक उमाशंकर अकेला से भी पूछताछ हुई थी
वहीं बरही के वर्तमान विधायक उमाशंकर अकेला से भी पूछताछ हुई थी। इन विधायकों ने तब सीबीआई के विशेष कोर्ट में डिस्चार्ज पिटीशन याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
सीबीआइ के आरोप पत्र में जिन विधायकों का नाम है, उनमें दो विधायकों का निधन भी हो चुका है। इस मामले में धीरज साहू का भी एक ऑडियो-वीडियो सामने आया था। कांग्रेस नेता मदन शर्मा की श्री धीरज से नजदीकी रही है।