झारखंड में सहायक आचार्य भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुना दिया है. झारखंड में जेटेट अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है वहीं सीटेट पास अभ्यर्थियों को खबर थोड़ा परेशान कर सकती है. झारखंड में 26,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत ने झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) और अन्य राज्यों की टीईटी (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी इस भर्ती परीक्षा में शामिल होने की इजाजत दी गई थी. अब सिर्फ झारखंड टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (जेटेट) पास उम्मीदवार ही इन पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि झारखंड के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं (संथाली, खोरठा, नागपुरी) का ज्ञान जरूरी है, जो सिर्फ जेटेट पास अभ्यर्थियों के पास ही होता है. जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने माना कि सीटेट या दूसरे राज्यों के टीईटी पास अभ्यर्थियों को इन भाषाओं की जानकारी नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ेगा. यह फैसला राइट टू एजुकेशन (आरटीई) कानून के प्रावधानों को ध्यान में रखकर लिया गया.