6 अप्रैल को रामनवमी त्योहार और जुलूस को लेकर रांची पुलिस ने ड्रोन की मदद से शहर के कई इलाकों में घरों की छत की निरीक्षण किया. रामनवमी का जुलूस शहर के जिन इलाकों से होकर गुजरेगा, उस रास्ते में पड़ने वाले मकानों की छत को ड्रोन की मदद से खंगाला गया.
रांची पुलिस ने मेन रोड, हिंदपीढ़ी और डेली मार्केट सहित तमाम संवेदनशील इलाकों में घरों की छत का ड्रोन से निरीक्षण किया. रांची पुलिस यह जानना चाहती थी कि कहीं किसी मकान की छत पर ईंट-पत्थर तो जमा करके नहीं रखा गया है.
इस बीच रांची पुलिस की ओर से यह चेतावनी दी गई है कि यदि किसी इलाके में कोई गड़बड़ हुई तो वहां के थाना प्रभारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सिटी कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मियों को भी यह निर्देश दिया गया है कि वे पूरे शहर में लोगों की गतिविधियों पर पैनी निगाह रकें. यदि किसी इलाके में कुछ संदिग्ध नजर आता है तो तुरंत लोकल पुलिस को बताएं.
सोशल मीडिया पोस्ट पर भी खास निगहबानी की जायेगी.
गिरिडीह और हजारीबाग में सांप्रदायिक तनाव से सीख
गौरतलब है कि पिछले दिनों गिरिडीह में होली जुलूस और फिर हजारीबाग में मंगला जुलूस में कथित तौर पर पत्थरबाजी की खबर आई थी. गिरिडीह में कथित पत्थरबाजी की घटना के बाद सांप्रदायिक तनाव हो गया था.
भीड़ ने दुकानों और घरों में आग लगा दी थी.
पुलिस को स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए बलप्रयोग करना पड़ा था. इस केस में बड़ी संख्या में नामजद और अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी तब गिरिडीह पहुंचे थे और सरकार पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाया था.
रांची के संवेदनशील इलाकों में खास एहतियात जरूरी
हाल ही में सरहुल त्योहार के दौरान भी रांची के पिठोरिया में समुदाय विशेष द्वारा जुलूस को बाधित करने और हंगामा मचाने की घटना घटी थी. पिछले कुछ वर्षों में झारखंड में धार्मिक जुलूस के दौरान सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं में इजाफा हुआ है.
राजधानी रांची के भी कई इलाके काफी संवेदनशील हैं, इसलिए रांची पुलिस खास एहतियात बरत रही है ताकि अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके.